Shivesh Srivastava   (peaceful_crime)
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Joined 15 January 2018


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12 APR AT 23:55

साथी फिर - फिर साथ देना ...
( कैप्शन में )

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25 JUN 2024 AT 18:14

शून्य - मन की सुरंग सुधियाँ
याद कर फिर हाथ देना
साथी फिर - फिर साथ देना

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27 MAY 2024 AT 13:47

उसके अश्क फ़रेब
और उसकी निगाह-ए-उल्फ़त फ़क़त दिलबरी  होगी
ये  बात  और है  कि
ए'जाज़ -ए- लम्स -ए- आश्ना  से  तबी'अत  हरी  होगी

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21 MAY 2024 AT 18:03

मिरे अश'आर को 'शिवि' अब नया इंतिसाब चाहिए
फ़िर से जी उठने को फ़क़त एक ख़्वाब चाहिए

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20 MAY 2024 AT 18:40

हुस्न - ए - अज़ल पे ये हिजाब कैसा
इश्क़ में जान-ए-जाँ ये निसाब कैसा

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19 MAY 2024 AT 18:32

उसकी हर इक अदा पे 'शिवि', बख़्त आज़माया न करो
ज़रा ठहरो, यूँ न फिसलो, इस क़दर ज़ब्त ज़ाया न करो

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18 MAY 2024 AT 17:34

दश्त-ए-दिल  में  आज  तलक  क्यों  पैठा  एक  ख़्वाब
सराबी  सी  की  नज़र  थी  याकि  नज़र  सी  की  सराब

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17 MAY 2024 AT 18:19

ख़्वाब-ए-सहर  में  ख़्वाहिश-ए-ज़ीस्त  ले  सोए
नीम - जाँ  तेरा  नाम  ले - ले  ज़ार - ज़ार  रोए

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15 MAY 2024 AT 19:31

गर्मी, पंखा, घड़ा,
कागज-कलम,
धीमी-धीमी साँसें,
माथे पर ठहरे स्वेद-बिंदु,
और भी कुछ दिख रहा है?

मुस्कुराता चेहरा,
भरी हुई आँखें,
संतृप्त मस्तक पर
प्रेम-पोषित-प्रज्वलित इंदु,
शायद कुछ लिख रहा है !

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26 OCT 2023 AT 18:28

अधरों पे पहरा दे रहे स्याह दरबान जँचते ख़ूब हो
दुनिया से बचाते आ रहे मग़र मुझसे बचा पाओगे क्या ?

मेरी उल्फ़त चाहे नकार दो मेरे यत्न से इंकार लो
होठों पे उसके खेलती तबस्सुम को रोक पाओगे क्या ?

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