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🌹वो चार गुलाब🌹
मेरे हाथो में उसका हाथ और वो चमचमाती धूप
अपनी गर्मी की चर्म सीमा फलानग रही थी
वो मेरे करीब शांत बैठे मेरे बदन के बहते जुगुनुओं
को अपने सीने में कैद करना चाह रही थी
आनन फानन में मुझे कुछ समझ ना आ रहा था
पहली मुलाकात का बुखार ही कुछ ऐसा चढ़ा जा रहा था
हरक़त इक मेरे आवारापन की, नादानी उसके
दीवानेपन की दोनों को करीब लाती जा रही थी
थोड़ा सा जो फासला हमारे दरमियाँ बचा था
उसके एक नटखट से इज़हार-ए-मोहबत से
मेरी साँसे फूली जा रही थी
एक गुलाब मेरे सामने घुटनों तले बैठें चेहरे पर मुस्कान लिए
अपने दोनों हाथों में तीन गुलाब छुपा रहा था
एक-एक वो गुलाब मेरे हाथों में पकड़ा कर मेरी धडकने बढ़ाये जा रहा था
उसके पहलू में मुझे जन्नत महसूस होती जा रही थी
इबादतों में मैंने खुदा से उसका नाम जो पुकारा था।।-
❣पहली मुलाकात❣
मेरे मेहबूब के दीदार को मेरी नज़रे तरस रही थी
वो दूर खड़ी किसी बस्ती में मेरी राह तक रही थी
जैसे-जैसे मिलने की घड़ी नज़दीक आ रही थी
दोनों की साँसे बड़े उतार चढाव ला रही थी
आखिरकार हज़ारों की भीड़ में मैनें वो चेहरा तलाश ही लिया
जिससे मिलने को मेरी जान निकली जा रही थी
मेरे कदम उसकी ओर बड़ी बेताबी से बढ़ना शुरू हो चुके थे
आधे रास्ते का सफर तय हुआ ही था कि उसकी रुहानी सी नज़र
मुझे अपने आग़ोश में कैद कर रही थी
दोनों के कदम वही थम से गए, वो दूर खड़ी चेहरे पर मुस्कान लिए
अपने हाथ से अपना मुँह छुपा रही थी
हां वो मुझसे थोड़ा शर्मा रही थी, फिर भी
अपनी आंखों में मेरे लिए प्यार दिखा रही थी
मेरे सीने से लग आँखें मीच मेरी धड़कन सुने जा रही थी
हां वो मुझे पहली मर्तबा अपना प्यार जता रही थी।।-
❣mohobbat❣
ए सनम तू मुझे ज़िंदगी से भी ज्यादा जरुरी है
मेरी हर सांस की डोर तेरे वज़ूद से जो जुडी है
चांदनी सी रात में छुपे बैठें अँधेरे की गहराइयों की कसम
तू जो नहीं तो क्या मेरी ये काबिल ज़िंदगी है
अगर तू मिली नहीं तो जिंदगी का शायद वो आखिरी पल हो
तू अगर चली गयी तो शायद मेरा ना कभी कोई कल हो।।-
❣,JAROORI SA TU❣
फ़िक्र आज भी है मुझे तेरी
बस एहसास जताना छोड़ दिया है
तेरा हर दफा मुझे देख यूं मुँह फेर लेना
गवारा तो नहीं होता दिल को मेरे, पर
अब हक़ की नुमाइश लगाना छोड़ दिया है
तुझसे रुशवत होने के ख़याल से भी रूह
काँप उठती है आज भी मेरी, पर अब वक़्त
के तराज़ू तले घुटनें झुकाना छोड़ दिया है
पर ना जाने क्यों अब भी तेरे सामने आते ही
बाते रुक सी जाती है, मेरी आँखें तेरे आगे
झुक सी जाती है पर फ़िक्र आज भी है मुझे तेरी,
बस एहसास जताना छोड़ दिया है,
तुझसे नज़रें मिलाना छोड़ दिया है।।-
❣MY SECOND FIRST LOVE❣
दुनियाँ की इस बेबाक भीड़ में एक राही ऐसा भी मिला
जो मेरा हमसफ़र बन चुका था
इस बात से अनजान में औरों की तरह उससे भी थोड़ा जुदा- जुदा सा था
फ़ासलो से नजदिकियो के सफर का आलम कुछ यूं रहा
वो मोहब्बत की एक जानी पहचानी सी, मेरे दिल पर दस्तक दे रहा था
लड़खड़ाते हुए कदमों से में आगे की तरफ बढ़ तो गया पर डर था,
कही फिर से मोहब्बत ना कर बैठें उससे पहले की तरह
कशमकश में कदम कुछ इस कदर आगे बढ़ चुके थे
जहाँ से मैं खाली दिल लिए वापस ना हट सका
वो अलग है सबसे ये मान मेरे मन के आगे एक ना चली
दिल फिर से एक दफा खिचा चला गया उसकी ओर पहले की तरह
अब मोहब्बत इस हद तक हो गयी है मुझे उससे
दूर जाने से घबराता है ये दिल दो पल भी दीदार ना हो उसका
तो ये दिल झटपटा उठता है पहले की तरह।।-
❣वो कहती थी❣
वो कहती थी तुझे एक दिन छोड़ दूंगी मैं, तेरा
पत्थर सा सख्त दिल तोड़ दूंगी मैं__मत ले वक़्त की तासीर तू इतनी
तुझे प्यार को मोहताज कर दूंगी मैं__वक़्त से पहले समझ ले प्यार को तू मेरे
वरना तुझे अंदर तक झकझोर दूंगी मैं__आदतों को सुधार ले तू अपनी जल्द
जिस तरह जोड़ा था तुझे ठीक उसी तरह बिखरा छोड़ दूंगी मैं, तुझे तोड़ दूंगी मैं।।-
मोहब्बत में गर जीतना
ही सब कुछ होता तो
तेरे काफिले में ना जाने
कितनी लाशें बिछी होती,,
तू मेरे साथ ज़रूर
होती मगर तेरी
खुशियाँ कब का दम
तोड़ चुकी होती।।-