❣,JAROORI SA TU❣
फ़िक्र आज भी है मुझे तेरी
बस एहसास जताना छोड़ दिया है
तेरा हर दफा मुझे देख यूं मुँह फेर लेना
गवारा तो नहीं होता दिल को मेरे, पर
अब हक़ की नुमाइश लगाना छोड़ दिया है
तुझसे रुशवत होने के ख़याल से भी रूह
काँप उठती है आज भी मेरी, पर अब वक़्त
के तराज़ू तले घुटनें झुकाना छोड़ दिया है
पर ना जाने क्यों अब भी तेरे सामने आते ही
बाते रुक सी जाती है, मेरी आँखें तेरे आगे
झुक सी जाती है पर फ़िक्र आज भी है मुझे तेरी,
बस एहसास जताना छोड़ दिया है,
तुझसे नज़रें मिलाना छोड़ दिया है।।
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