QUOTES ON #तमन्ना

#तमन्ना quotes

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18 JUL 2018 AT 16:05

सिमटते देखा है तमन्नाओं को तहजीब के दायरे में अक्सर,
वरना इश्क, अरमान और ख्वाहिशें कब बेज़ुबां होती है....

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27 APR 2019 AT 21:22


ना कोई उम्मीद
ना कोई ख्वाहिश
खाली कमरा दिल मेरा
तन्हाई और अकेलेपन
ने अपना घर बना लिया
हो ज़िन्दगी में जैसे...
ना कोई चाहत
ना कोई तमन्ना
खाली कमरा दिल मेरा


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29 MAR 2021 AT 9:46

क़भी तो आ कर खेले वो होली हमारे साथ काशाना में,

तो उन्हें मालूम पड़े रंग ख़िलते कैसे हैं चेहरे पर उनके साथ!

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25 FEB 2020 AT 8:22

"अब कैसे-किस से कहें के क्या चाहिये
सब तक़दीर के लेखे हैं.., बस निभाइये"

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22 SEP 2024 AT 8:38

झील सा मन झरनों सा बन, उद्यत है सागर पाने को
आज फ़िर दिल कर रहा है, नदियों सा बह जाने को,

खाली रस्तों से डर लगता है, सन्नाटे ही सन्नाट्टे हैं
कोई तो आकर आहट करदे, "जी" है आज फ़िर मुस्कुराने को,

एक पिपासा ह्रदय में ही रह गई, उसके सिवा मुहब्बत में
काश, कुछ तो जिंदगी में होता... उससे अधिक भी चाहने को,

लोग आकर खुश्बूओं से उड़ गए, यह दिल के बाग भी कैसे हैं
कोई फूलों को तोड़ने आया... कोई तितलियां उडाने को,

झील सा मन..., झरनों सा बन..., उद्यत है सागर पाने को
आज, फ़िर दिल कर रहा है... नदियों सा बह जाने को...!!

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21 DEC 2016 AT 3:59


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22 NOV 2020 AT 17:30



........,

जो सिर्फ अपनी तमन्नाओं से वास्ता रखते..!

हर खुशी जब उनको हासिल न हो तो खुदगर्ज वो...,
बेअदब होकर गैरत का मुकाम करतें....!

इस बैगानी भीड में हम तो सिर्फ इंसान निकले..,
वो छुटता रहा मेरे हाथो से और मेरी आँखे देखती रही..!


कल जब पलटोगे मेरी जिंदगी के पन्नों को..,
कुछ पर आंखें नम होंगी कुछ पर मुस्कुराहटें होंगी..!!

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फ़िजूल है चुप रहना,
बताओ भी तुम क्या कह रहे हो।
तन्हाई में तुम अकेले,
हँस रहे हो या है दर्द जो सह रहे हो।।

मुझसे स्वच्छंद रहो,
मेरी तमन्ना, हमेशा तुम ही पसन्द रहो।
गुफ्तगू मुझसे क्यूँ बन्द है?
लगता है मुझे, तुम भावनाओं में बह रहे हो।।

मिलो या न मिलो तुम,
रूह में मेरे तुम तो बस रहे हो।
वक़्त के साथ- साथ,
प्रेम की डोरियों से, मुझे कस रहे हो।।

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14 JUN 2021 AT 9:08





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31 AUG 2020 AT 20:35

तेरी दी गई ज़िन्दगी तुझे मुबारक मेरे खुदा,
अब इसे जीने की तमन्ना ना रही ।
कब तक सीधी चलूँ इन टेढी लकीरों पर ,
अब मैं इन राहों की मुसाफ़िर ना रही।
दोहरे चेहरे ही दिखे तेरी दुनिया में सभी के ,
अब किसी सच्चे शख़्स की फ़रमाइश ना रही।

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