हकीकत के आँचल से जब ख्वाब अदृश्य हुए ।
दिल की गहराईयों में जाकर के वो दफ़न हुए ।
वफ़ाओं में बड़ते अफसानों का सिला देखकर
बेआबरू हो कर अश्क जाने कहाँ मुश्तरद हुए-
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चलो! शिवालय की ओर, चलने का वक्त आया है
कांवड़ यात्रा में भक्तिभाव कितना जबरदस्त आया है
दया करो हे प्रभु ! अब तो हम दीनों को दर्शन दे दो
देख तेरे चरणों में गिरा तेरा दुखियारा भक्त आया है-
चाइना व इटली में कहा होता है सावन
तो चाऊमिन मोमोज पीज़ा कोल्ड ड्रिंक से
ये महीना तकई बर्बाद ना करें
मंगौड़े पकौड़े पकौड़ी भगवान को खिलायें
खुद खायें और साथ में चाय पियें
जलाभिषेक वेलपत्र आदी से
जब संभव हो भोलेनाथ का श्रंगार करें-
नज़ला ना हो जाए इस डर से सूनसान हैं राहें
लगता है इस शहर में अभी-अभी बारिश हुई है-
सभ्यता और संस्कृति update हो कैसे
अश्लीलता और फूहड़ता का virus enter हो चुका है
व्यक्तित्व की tecnology में-
दिल की डिक्शनरी में तेरा ही नाम है हर पन्ने पर
अब और बताओ कितना और समझे हम तुम्हें-
इंतजार तुम्हारा हमेशा अधूरा ही रहेगा "ऐ मेरे दोस्त"
आजकल लोग मैदान में नहीं मोबाइल पर खेलते हैं-
दिल मंदिर है ज़रा चप्पल उतार के चलिए
ये कोई सराय नहीं कि आये और चल दिए-
खुदा न खास्ता अगर बाढ़ आ गयी तो ही कश्ती में बैठेंगे
अभी तो सावन की हलकी बौछार है छाता लेकर डोलेंगे-