मेरे हाथों में
चाय का प्याला देख
बरस पड़े बादल
बस......
तुम नहीं आये-
Insta id bol_dil_k_phool_se
हिचकियां भी आती नहीं है अब हमें
तुम अपना समय कहाँ बिता रहे हो।
मेरी प्यार भरी दुनिया को छोड़कर
किससे वफ़ा का रिश्ता निभा रहे हो।
शायद नया इश्क हुआ है तुम्हें फिर से
जो उसे मोहब्बत के गुर सिखा रहे हो-
जिसका कि केवल नाम ही
शत्रुओं के शिविर में मचा दे खलबली।
कर दे हर रण ध्वस्त एक ही हूँकार में,
है वो बाहूबली ।
केवल युद्ध ही नहीं, प्रेम में भी
जो है अद्वितीय ।
राम का प्रिय जो होना है, तो
रे! मन बाबरे ,भज ले,
बजरंग बली।।
जय बजरंग बली।।
जय जय बजरंग बली ।।-
फीके है सब सूरज के आगे
इसलिए रात आती है कि
जुनून जुगनुओं के
चमके बन के तारे-
चंद मुस्काराहटों के रोगन से जीवन में करनी रोशनी है
मेरे उन्मुक्त उन्मादों की अभिव्यंजना कहीं भी नहीं
ये दर्पण है सूरज चाँद मेरा, फिर क्या प्रभात क्या रजनी है-
आँखों ने बयाँ किये अनकहे लफ्ज़ जब जब
तेरे दिल का आईना पास नहीं था तब तब
मरे या बिखरें भी कैसे तेरी बांहें ही नहीं बस
है यादों की बारिश और आँसुओं की डबडब-