शायद कमी रह गई थी कहीं रहमत में
पाज़ेब वो खनकने लगे थे फ़ितरत में
भला राहों में कैसे किसी को यूँ दुहाई देते
फ़र्क़ दिखने लग जाता उनके तबियत में
बताओ दिल की तुम बात क्यूँ नहीं सुनते
धड़कता रहता है जो किसी की चाहत में-
Song :- आइए......आपका इंतजार था😉
ऐसे ही मेरे profile में... read more
रंजिश तेरे-मेरे दिल का, यूँ गहरा न होता।
हमारे-तुम्हारे गुफ़्तगू में, अगर पहरा न होता।।-
भरी दोपहरी में मिले हो तुम मुझे छाँव की तरह।
सजी-धजी सी तुम शहर, मैं एक गाँव की तरह।।
ठहरा हुआ हूँ मैं समंदर, तुम हो नाव की तरह।
भरे हुए खुश्बू से तुम, मैं पवन बहाव की तरह।।-
दर्द न था, बेवजह ही चीख लिए।
बता न पाए, हम थोड़ा लिख लिए।।
बखूबी हँसना सीख लो तुम 'धर्मेंद्र'
रोना तो तुम पैदा होते ही सीख लिए।।
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भरे पड़े हो तुम अंदर से
पूछते हैं लोग समंदर से
आवाज़ दूँ आएगा जलधर
दोस्ती मेरी उस पुरन्दर से
ठाट-बाट से भरा जीवन
मिस्मार न हो जाये अंदर से
जड़ पकड़ने की तालीम उसे
पुछ लो तुम कहीं 'धर्मेंदर' से-
दर्द किसको पसन्द यहाँ, अकेले में चीख लेता हूँ।
दर्द-ए-दिल महफूज़ कलम से,पन्नों में लिख देता हूँ।।-
बात दिल की हो,
या दिल की ही कोई बात हो।
खुशी तब होती है,
जब दिल से किसी अपने की सौगात हो।।
जरूरी नहीं कि,
कुछ जरूरती चीजें हो इसमें शामिल।
जरूरी तो बस इतना कि,
बैठकर मीठी-सी दो बात हो।।-
मानो अगर तो जिंदगी एक झमेला है।
मानो अगर तो ये कुछ कठपुतलियों का खेला है।।
यहाँ मुस्कुराओगे भी और आंखे भी नम होगी,
क्योंकि मानो तो ये जिंदगी सिर्फ भावनाओं का रेला है।।
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तुम्हीं से शुरू हुए सिलसिले
तुम्हीं पे जाकर ये खतम है
हर मर्ज़ की दवा है मुस्कान
क्या खबर तुम्हें क्या वहम है-
सादगी भरी तेरी सूरत, मुझको बेचैन करता है।
जुबाँ से बोल न पाते पर, बात ये नैन करता है।।
तन्हाइयों में ये दिल, छुप छुप के आँहें भरता है।।
मंजिल हो तुम मेरे दिल की, हाँ ये दिल कहता है।।
तेरे दीदार के खातिर आँखे,हर पल कैसे तड़पता है?
तस्वीर तेरी पाकर के, खुद ही खुद से सम्हलता है।।
रब से दुआओं में मांगूँ तुझे, दिल तुझपे ही मरता है।
तेरी इन यादों के दरमियाँ, ये पागल दिल बहलता है।।-