इश्क़ हमेशा परमानेंट टैटू जैसा होना चाहिए मरने पर भी साथ जाए
और जब लोग पूछें दर्द नहीं हुआ तो मुस्कुराकर बोलो, "थोड़ा सा"...-
मासूम का tattoo लगाकर घूमता था जो,
शहर का "सीरियल किलर" वहीं निकला-
सारे ज़हाँ के सब
अल्फाज़ समेटकर
जब उस टैटू मेकर
से कुछ ना बन सका
तो उसने
तुम्हारी गर्दन पर
ये लिख दिया-
न सीता कोई फिर ज़मीं में समाये
जहाँ में नया कायदा अब चला दो
इज़ाफ़ा करो तुम मिरे दुश्मनों में
चलो आज तुम भी मुझे बद्दुआ दो
मेरा बेटा चाहे वो बन जाए मुझ सा
मैं चाहूँ मुझे फिर से बच्चा बना दो
शिकायत अँधेरे की करते हो हर दम
कभी तीरगी में दिया ही जला दो
तबीयत है नासाज़ कब से ही मेरी
'अता कर के बोसे, मुझे तुम दवा दो-
बेशक मिल जायेगी तुमको ऐसी लड़की
जो तुम्हारे नाम का टैटू
अपने हाथ पर बनवा के
दुनिया को दिखाये
पर मैं , मैं तो हमेशा तुम्हारे नाम को
अपनी डायरी के पन्नों पर
लिखकर महफूज रखूंगी ।
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जाने दिल में किसने बनाया तेरे नाम का टैटू
मैं कैसे ये ना कह दूँ कि दिल में मेरे है तू-
प्रेम भाषा सीखा कर, कहाँ खो गए?
सारे सपने दिखा कर, कहाँ खो गए?
मुझसे ऐसी भी क्या फिर खता हो गई
नाम मेरा लिखा कर, कहाँ खो गए?-
जिसे प्रेम में दिखावा करना था,उसने अपने बदन पर प्रेमिका का नाम टैटू कराया।
ख़ालिस प्रेमियों ने प्रेमिकाओं पर कविताएं लिखी।-
वो जो दिख रहा है ना चाँद में...... स्याह -सा
चाँद ने गुदवाया है........ टैटू मेरे नाम का-