Vishal Vaid   (Vishal Vaid)
897 Followers · 112 Following

read more
Joined 16 January 2018


read more
Joined 16 January 2018
15 OCT 2023 AT 15:27

रि'आयत दी फरिश्तों ने मगर खाली रही जन्नत
सुना है एक अरसे से नहीं आया कोई जन्नत

कहोगे क्या ज़रा सोचो ,जहां जब छूट जाएगा
अगर पूछा तुम्हें रब ने, बता कैसी लगी जन्नत

-


29 JUN 2023 AT 20:25

मैं तुमसे कह नहीं पाता, मैं कितना प्यार करता हूँ
सुनहरी धूप जैसी तुम,अमावस सा मैं कजला हूँ

मुझे जो छोड़ दोगी तुम,कोई शिकवा नहीं होगा
ज़माना कब से कहता है,बड़ा घाटे का सौदा हूँ

तेरे जब साथ रहता हूँ बढ़े है मेरी कीमत भी
सिफ़र हूँ मैं बिना तेरे,न फिर आधा, न पौना हूँ

मैं आँखे बंद कर के फिर, यूँ ही बस लेटा रहता हूं
वो तब तब माथा चूमे है, लगे जब उसको सोया हूँ

तुम्हे छूने की चाहत में, कई फिर रूप है बदले
तेरे पैरों की पायल मैं,तेरे कानों का झुमका हूँ

भला अब प्रूफ क्या मैं दूँ, तुम्हे पुख़्ता मुहब्बत का
मैं तेरी हम्म को भी यारा इक आयत समझता हूँ

अजब सी एक उलझन में कटे हैं रात दिन मेरे
जिसे पाया नहीं मैने उसे खोने से डरता हूँ

मैं कहता हूँ कभी ख़ुद को,ज़रा आराम तो कर ले
कभी खुद को उठा कर देर तक चलता मैं रहता हूँ

नज़र आती हो छत पे जब, मुझे लगता है ऐसा फिर
कि जैसे ट्रेन की खिड़की से मैं इक चाँद तकता हूँ

-


10 SEP 2022 AT 13:43

लगा दो आग जंगल में,ख़बर झूठी सुना कर तुम
बताना शेर को जंगल हरा अच्छा नहीं लगता

कभी कहती थी शोना तुम,कभी बाबू बुलाती थी
मगर क्यों अब ये कहती हो,मुआ अच्छा नहीं लगता

उसे चाहो जियादा खुद से लेकिन याद रखना तुम
कहो इंसान को तुम देवता अच्छा नहीं लगता

चला आता हूं जोगिंग पे,तेरा दीदार करने को
वगरना छह बजे उठना ज़रा अच्छा नही लगता

लगे करने तरफ़दारी बुझे दीपक हवाओं की
थके हारों को मेरा हौसला अच्छा नहीं लगता

लगे जब बे-तकल्लुफ़ बात होने तो समझ लो तुम
कभी माफ़ी कभी फिर शुक्रिया अच्छा नही लगता

-


30 AUG 2022 AT 10:06

इक  लड़की है गीतों के उपहार सी
बहुत अच्छी quotes वो लिखती है

ये  बात अलग है  कि yq पे वो
पहले   से  कम  वो   दिखती   है

यौम ए पैदाईश था हफ्तों पहले
अभी  तक   तोहफ़े  गिनती है

"गुलज़ार" साहब को जब  भी पढ़े
उनकी  नज्मों  जैसी  खिलती  है

कभी लिखे  कहानी वो जब भी
बुर्ज खलीफा भी  छोटी  दिखती है

शायरी की समझ बहुत आला है
Choice जो मुझ से मिलती है

रसायन शास्त्र की विदुषी है
किताबें लेकिन सारी पढ़ती है

-


20 AUG 2022 AT 15:47



वर मिले थे तीन मुझको मैने बरता एक ही
तुम को पाकर रब से मैंने देखो मांगा कुछ नहीं।

-


19 AUG 2022 AT 15:02

बंसी सब सुर त्यागे है, एक ही सुर में बाजे है
हाल न पूछो मोहन का, सब कुछ राधे राधे है
ज़ुबैर अली ताबिश

ये हवा कैसे उड़ा ले गई आँचल मेरा
यूँ सताने की तो आदत मिरे घनश्याम की थी
परवीन शाकिर

जिस की हर शाख़ पे राधाएँ मचलती होंगी
देखना कृष्ण उसी पेड़ के नीचे होंगे
बेकल उत्साही

कहे जाती है ऊधौ से ये रो रो कर के हर गोपी
बता अब कब सताएँगे मुझे मिरे किशन आख़िर
अदनान हामिद

रौशनी ऐसी अजब थी रंग-भूमी की 'नसीम'
हो गए किरदार मुदग़म कृष्ण भी राधा लगा
इफ्तिखार नसीम

न किसी गीत से रग़बत न शग़फ़ नग़्मों से
सिर्फ़ मीरा के भजन सुनता है कान्हा दिल का
लकी फारूकी हसरत

-


19 AUG 2022 AT 9:07

न सीता कोई फिर ज़मीं में समाये
जहाँ में नया कायदा अब चला दो

इज़ाफ़ा करो तुम मिरे दुश्मनों में
चलो आज तुम भी मुझे बद्दुआ दो

मेरा बेटा चाहे वो बन जाए मुझ सा
मैं चाहूँ मुझे फिर से बच्चा बना दो

शिकायत अँधेरे की करते हो हर दम
कभी तीरगी में दिया ही जला दो

तबीयत है नासाज़ कब से ही मेरी
'अता कर के बोसे, मुझे तुम दवा दो

-


13 AUG 2022 AT 8:37

ਢੰਗ ਕੌੜੇ ਸੀ ਵਿਰਿਹ ਵਾਲੀ ਸੱਪਣੀ ਦੇ
ਮੈਂ ਬੜਾ ਤੜੱਪੀਆਂ ਤੇ ਹਿੱਲਿਆ

ਪਿਆਸ ਬੜੀ ਸੀ ਤੈਨੂੰ ਵੇਖਣ ਦੀ
ਪਰ ਇਕ ਬੁੰਦ ਪਾਣੀ ਵੀ ਨ ਮਿਲਿਆ

ਚਾਹ ਬੱਸ ਇਨੀ ਸੀ ਕਿ ਤੈਨੂੰ
ਵੇਖ ਕੇ ਚੱਲਣ ਸਾਹ ਮੇਰੇ

ਪਰ ਮੇਰੇ ਅਰਮਾਨ ਦਾ ਇਹ ਫੁੱਲ
ਕਦੀ ਵੀ ਨਹੀਂ ਖਿਲੀਆ

ਯਾਦਾਂ ਤੇਰੀ ਜਧ ਵੀ ਆਈ
ਮੈਂ ਤੈਨੂੰ ਹਰਫ਼-ਹਰਫ਼ ਲਿਖਿਆ

ਹਜੂਮ ਇਨਾਂ ਤੇਰੀ ਯਾਦ ਦਾ ਦਿਲ ਵਿੱਚ
ਸਾਹ ਵੀ ਮੇਰਾ ਬੜਾ ਔਖਾ ਨਿਕਲਿਆ

-


9 AUG 2022 AT 19:05

Happiness has different notions at different times. At times I love stillness When nothing is happening at all. You feel that everything is so still. No white rabbits( distractions) in your mind. Listening to your heartbeats.  When you just don't want to pick up your phone to check notifications. No random thought of clicking pictures.
Mostly the writing gives me pleasure and at times when I am not able to write anything, that is satisfactory as well, why? Because then I open the books. The good thing about books is that no matter how much you ignore them or keep them in a dark corner or travel with them without reading a single page of them still they would welcome you with open arms. They will bring a smile to your face and may fill your heart with empathy. They may bring tears to your eyes or may offer you some amazing thoughts which may be light like a feather or heavy like a giant rock.

-


31 JUL 2022 AT 17:20

इधर देखो उधर देखो यहाँ फैली उदासी है
कहीं पे सोग है तेरा कहीं मेरी उदासी है

कोई मिसरा जो मैं लिखूं लगे सारा वो अफ़सुर्दा
ग़ज़ल के काफिये के साथ ही बैठी उदासी है

नज़र आता हूं खुश लेकिन मेरे चेहरे पे मत जाओ
मेरे दिल में बहुत दिन से छुपी बैठी उदासी है

फलक में चांद के जैसे , रहे मुझ में कहीं मौजूद
कभी आधी कभी पौनी कभी पूरी उदासी है

सदा ये मुड़ के आती है पहाड़ों से कहूँ कुछ भी
तेरे हिस्से में हरदम ही उदासी ही उदासी है

नहीं मैं चाहता उसको, मगर पीछे पड़ी है वो
गले लग के मनाती है ,बड़ी ज़िद्दी उदासी है

ख़िज़ाँ बैठी मुंडेरों पर,है सन्नाटे से लथपथ सब
बिना तेरे मेरे घर में बहुत फैली उदासी है

गए बाज़ार फिर से हम उदासी की दवा करने
खरीदारी बहुत सी की मगर फिर भी उदासी है

-


Fetching Vishal Vaid Quotes