मैं पथिक हूं, इस जिंदगी की राह में,
आगे बढ़ रही, मंजिल की तलाश में,
कुछ धूप में, कुछ छांव में,
जिंदगी के हर पड़ाव में,
अपने को बेहतर, निखारने की होड़ में,
कुछ नया कर, आगे बढ़ने की जोश में,
बस बढ़ते ही जा रही,
जिंदगी की राह में,
कई बढ़ गए आगे,नए की मुलाकात में,
कुछ पल गुजरे, उन सब के साथ में,
नए रिश्ते भी बने,दो पल की बात में,
रास्ते भी अलग हुए, उस प्लेटफार्म से,
फिर मैंने भी ‘टिकट’ अलग लिया था,
जिंदगी की राह में...
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