मुझ को अपनी जान बताने वाला
एक वही है मुझे रुलाने वाला
जाने बिना ही दिल दे बैठी उस को
जाने कैसा समय है आने वाला
अपनी क़ैदी बना के रखता है अब
ख़ुद ही मेरी क़ैद छुड़ाने वाला
देखो कैसे सब कुछ हार गया है
मेरे इश्क़ में मुझे हराने वाला
मेरा भरोसा कभी नहीं कर पाया
मुझ को अपना ख़ुदा बुलाने वाला
-
Insta: waah.amandeep
New Video ("Udaasi") 👇
माँ का मन, मन्दिर जाता है
दूध उबल कर गिर जाता है
पहला धोखा खाने वाले
दिल का दिमाग़ फिर जाता है
हर दम तन्हा रहता है जो
कई ख़्वाबों से घिर जाता है
पहले तो हिम्मत जाती है
उस के बाद ही सिर जाता है
जग से सभी चले जाते हैं
कभी नहीं शाइ'र जाता है
अल्लाह अल्लाह करते हैं सब
जन्नत में काफ़िर जाता है
रह सकता है दिन भर सूरज
चन्दा की ख़ातिर जाता है-
अच्छे भले थे दोस्ती की बेड़ियों में हम सखी
अब आ गये हैं देख लो किन क़ैदियों में हम सखी
हम बे-क़ुसूरों के सरों पर इश्क़ का इल्ज़ाम है
सो, अब हमेशा ही रहेंगे सुर्ख़ियों में हम सखी
चल बाद में इक दूसरे पर हक़ जता लेंगे, मगर
बन के रहेंगे दोस्त अपने साथियों में हम सखी
बे-शक हमारी ज़िन्दगी के फूल मुरझाएंगे, पर
झगड़ा कभी होने न देंगे तितलियों में हम सखी
बस मुस्करा देंगे 'अमन' इक दूसरे के झूठ पर
नइं जाएँगे उस झूठ की गहराईयों में हम सखी
-
नज़्म : "दाँत गिनने क्यों कहा उस अप्सरा ने"
(अनुशीर्षक में पढ़ें 👇)
-
सूखते हैं दर्द यूँ तो मुश्किलों से
पर मदद लेते नहीं हम सूरजों से
-
साथ मिलके रोज़ ही रोती हैं परियाँ
इसलिए इतनी हसीं होती हैं परियाँ
-
दुआ तो क्या, मेरी लानत की भी हक़दार नहीं है
छोड़ के जाने वाले की मुझ को दरकार नहीं है
किसी दौर में नसें काट के वक़्त काट लेते थे
कोई वक़्त अब माँगे, तो कहते हैं, "यार, नहीं है"
दफ़्तर गया हिज्र में भी, मैं दश्त नहीं भटका
क़ैस आशिक़ों का होगा, मेरा सरदार नहीं है
तरह तरह के ज़ख़्म बिछे रहते हैं मेरे तन पर
फिर भी मेरे पास ज़ख़्म का कारोबार नहीं है
जादूगर से उसके कर्तब का मत पूछ तरीक़ा
इतना जान ले, इश्क़ भुलाना पुर-असरार नहीं है
ग़म के शजर पे पत्थर मारें, हम पर नहीं जचेगा
वैसे भी वो पेड़ बिचारा अब फलदार नहीं है
सुनो मुसव्विर, ग़लत बनी है ये तस्वीर हमारी
निकल चुका है तीर, 'अमन' के दिल के पार नहीं है-
यूँ ही नहीं खिलेंगे फूल, ख़ुशी की डाली पर
कितना और पसीना डाले, यह है माली पर
-
.
.
इतने में ही बगल की बिल्डिंग
की छत से कोई कूद गया 'ढप'
इस आवाज़ को सुन कर सपने
और तेज़ चिल्लाने लग गये
नारों को लहराने लग गये
.
.
(पूरी नज़्म अनुशीर्षक में पढ़ें 👇)
-