छुए तो नहीं कभी किसी के पाँव माँ-बाप के अलावा लेकिन..
वो जो पायल बांधने को बोलेगी तो झुक जाऊँगा मैं..!-
जो देखा प्रिये तुझे सजदे में उस
रब के आगे तो मैं भी तेरे
साथ झुक गया ।।
अरे इरादा तो था ऐसे मेरा तुझसे
बहुत दूर जाने का ...
मगर पता नहीं प्रिये तूने क्या दुआ
मांगा उस रब से जो मैं तेरे
पास रुक गया ।।-
मुझे देखकर वो पता नहीं क्यों छिप जाती है
सामने आकर उसकी आँखे झुक जाती है ।
चाहत के समुंदर जितना वो मुझे चाहती है
दिल से उतरकर हमारी रूह में आना जाती है ।
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किसी की बात को समर्थन दो फिर भी शर्मिंदा हो जाए,
होता है ऐसा
नज़रें मिलाओ तो शर्मसार होकर नज़रें झुक जाए,
होता है ऐसा-
तुम आये जो करीब संदल सी खुशबू महक गई
मेरी नज़रें तेरी नज़रों से मिलते ही झुक गईं..shree💕-
तितली बन मन पंख पसारे।
बिखरे रंग धनक के सारे।
शोख हवा से लेकर खुशबू;
लिख दी पाती नाम तुम्हारे।
हुई आज मैं अपने पिय की;
टंक गये आंचल चांद-सितारे।
(Full poem in caption)
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साले कद तेरा बड़ा हो गया है आजकल,
थोड़ा मकां को ऊँचा बनाऊ,
या तू थोड़ा झुक कर आ जायेगा।-
जॉन के इश्क में कुछ ज्यादा ही झुक रहा हूं मैं
कुछ दिनों से खून ही खून थूक रहा हूं मैं-
..!!
कोई बात कहने से चूक गए हो
आँखें तो बहुत कुछ कह रही हैं
पर जुबां से कहने पे रुक गए हो
कह दो...जी हल्का कर लो,और
सोचो प्यार के आगे झुक गए हो
जया सिंह 🌺
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