"संम्भलती नहीं जिनसे माँ-बाप की जिम्मेदारियाँ ,
निकलते है वो निभाने मोहब्बत और यारियाँ...!!"
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जब किसी इंसान को जिम्मेदारीयां पालती है तो उसे.....
औरों की तरह भूल कर भी गलतियां करने का हक नहीं देती जिंदगी..!
~~शिवानन्द-
हर वक्त याद कैसे करुं तुम्हें..
घर की कुछ जिम्मेदारियां भी
तो है..।।
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जिम्मेदारीयां मजबूर कर देती हैं..
अपना शहर छोड़ने को..
वरना कौन अपनी गली में जीना नहीं चाहता..!!-
मजबूरियां..
शिकायतें..
परेशानियाँ..
तकलीफों की बोरियां ढोते ढोते ..
ना जाने अरमानों का थैला कहाँ खो गया..!!
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जिम्मेदारियां
एक दिन की बात है मैं शांत सा बैठा था,
एक उपवन में तभी कहीं से एक प्यारी सी कोयल आई, धीरे-धीरे वह मुस्काई और मधुर ध्वनि से पूरे बगिया को चहकाई, तभी वहीं कहीं पर छिपा था पक्षी राजा।
उसको ये मधुर सभा ना भाई, ना जाने क्या उसके मन में समाई, फिर क्या था राजा ने झट एक झपट्टा लगाया, कोयल को कुछ समझ ना आया, जब तक उसको होश आया वो ज़मीं पर गिर फड़फड़ाई।
यह सब देख झट से मेरे कठोर हृदय में भी करूणा भर आई, मैंने उसकी जान बचानी चाही तभी क्रोध में पक्षी राजा बोला आप कौन हों भाई। ये हम दोनों की है लड़ाई जाके अपने जैसों को सम्भालों जो करते हैं विध्वंस हमारा। यहां नहीं तुम नियम बदलो भूखा हुं मैं दो हफ्तों से इसलिए मैंने प्यारी कोयल पर घात लगाया। तब समझ में मुझको एक बात आई जंगल जानवर और प्रकृति सब ज़िन्दा हैं, उनको याद सभी नियम, बस हम मानव भूल गए मानवता से ज़िन्दा रहने की कला। न जाने कब हम समझेंगे और निभायेंगे अपने जिम्मेदारियों को।
#SaveNaturesavelife-
कई दफा सोचता हूँ कि कहीं दूर चला जाऊ ओर फिर लोट कर कभी न आऊँ ,लेकिन जिम्मेदारीयां न जीने देती हैं ओर न....🌨️
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