अधुरे ख्वाब   (घुम्मकड़)
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शून्य
Joined 7 September 2022


शून्य
Joined 7 September 2022
19 APR 2024 AT 16:12

Like your memories are
bigger then my heart.
Sometimes My heart can't hold it.
So they came out from my eyes.
Your memories can't fly because
It's not a bird.
And my heart is not a cage.
Your memories are enough for entire life.
You are always mine in my heart.

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19 APR 2024 AT 16:02

बस साथ रहो।
एहसास बनके,
सांस बन के,
धड़कन की जान बन के।
अलविदा ना कहो।
हमराज बनके,
हमसफ़र बन के,
बस साथ रहो।
अलविदा ना कहो।

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18 APR 2024 AT 21:46

मैं तुम्हारा ही हिस्सा हूं।
कल तुम में मैं था मुझमें तुम थी।
आज अलग हूं तुमसे,
तुम कहती हो।
पर शायद ये हम मानते नहीं।
आप अपने दिल से पूछो,
और मैं मेरे दिल से पूछूं,
तो ये सदा-सदा अब तुम्हारा ही है।
बस हालात बदले हैं दिल के हाल नहीं।
इसलिए थोड़ा ही मिलों, दूर से ही मिलों
मगर प्यार से मिलों।

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18 APR 2024 AT 18:00

हम उसको समझाने के लिए,
खुद को बहुत उलझाए है।
हम उसको एक पल हंसाने के लिए।
खुद बहुत-बहुत रोए है।
उसको पाने के लिए किए लाख नाकाम कोशिशें,
खुद को पल-पल करके खोते गये हैं।
उसके खुबसूरत सपने के लिए,
हम बार-बार तपती रेत पर सोए हैं।
उसको याद ना आए मेरी,
इस याद में पल पल चुपचाप रोएं है।
वो‌ खुद को सम्हाल सकें इसलिए,
हम बार-बार खुद ही न चाहते हुए भी
उनके आंखों से खुद दूर हो गये।

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18 APR 2024 AT 17:02

जब आप खुद को कर के बुलन्द
खुद के साथ होंगे।
करनी होगी नित्य कड़ी मेहनत।
देनी होगी प्रतिदिन कर्म की आहुति
सफ़र कड़ी धुप में कांटों भरे रास्तों सा होगा।
पर आपके जज़्बे से नित्य उन्हें टकरा कर
(उन सब परेशानियों को) चूर-चूर होना‌ होगा।
तब जाके कही जमाना आपके साथ होगा।

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18 APR 2024 AT 16:55

अंशुओं के स्याही से।
कभी खुद को सम्हाल रहें।
कभी खुद को समझा रहे।
कभी खुद से लड़ रहे।
कभी खुद को मना रहे।
कभी खुद से रूठ रहें।
पर ज़िन्दगी भी पल-पल खुद से रूबरू करा रही हैं।
बस वहीं लिख रहे वहीं बता रहे हैं।

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18 APR 2024 AT 16:03

I was crying in my childhood.
My parents says.
One day you'll smile when
Your wife come our home
Now days I'm in the ....

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18 APR 2024 AT 15:06

सिर्फ़ दर्द हीं मेरे साथ था।
फिर किसी को मरहम बनाया मैंने।
उन्होंने प्यार से मेरे ज़ख्मों को अपनाया।
फिर उन्होंने अपना हिस्सा बनाया मुझे,
मुझे ठीक करने में सब कुछ लगाया उन्होंने।
फिर आया गलतफहमियों का सिलसिला।
मैं सच बोला पर वो कभी सच समझ न सकें।
उन्होंने अनजाने में उन्हीं ज़ख्मों को कुरेद और जलाया।
अब फिर से सिर्फ़ दर्द हीं नहीं दुःख भी साथ है।
पहले ये अकेले था साथ मेरे।
अब दुःख भी है कि मरहम को मोहब्बत क्यों बनाया।
अब तो हर-दिन ज़ख्मों को जलाकर जी भर के रोना ही है‌।
हां, मुझे मेरे मरहम के लिए खुद से भी न्याय तो करना है।
रोज़-रोज़ तड़पना है, जलना है और
एक दिन उनकी यादों में ही सो जाना है।

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18 APR 2024 AT 10:23

बस उम्मीद नहीं है।
बस ध्यान नहीं है।
बस और जान नहीं है।
हां धैर्य भी नहीं है।
हां सजकता भी नहीं है।
रूको यूं मायूस ना हो
बस थोड़ा सांस लों और जीतने का एहसास लों।
फिर लगन से एकाग्रतापूर्वक लक्ष्य को हासिल करो।
मत कहो कि समय कम है।
एक समय ही हैं, जो तुम्हारा है।

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17 APR 2024 AT 13:00

बस साथ चलने वाला चाहिए
हालात कैसे भी हो हालात बदलने वाला चाहिए
साथ दें वो अगर यादों में भी,
तो भी सफ़र पूरा कर लेंगे हम।
हमसफ़र हो सफ़र में साथ तो
बात कुछ और होगी।
ज़िन्दगी का सफर मुश्किल नहीं
बर हर हार/जीत में साथ उसका चाहिए।

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