Harish Vidrohi   (पार्थ विद्रोही)
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मैं सारथी साहित्य का हूँ, मेरी लेखनी ही मेरी पहचान है 🖋️
Joined 8 August 2022


मैं सारथी साहित्य का हूँ, मेरी लेखनी ही मेरी पहचान है 🖋️
Joined 8 August 2022
18 FEB 2024 AT 16:07

तुझे एक शब्द में लिखूँ तो.. 🤔

मेरा #सुकून हो तुम ❣️

🧡🤍💚🩵🩷💜❤️

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6 FEB 2024 AT 12:36

जब जब ह्रदय मथा है मैंने,
तब तब अधर लगे कुछ कहने,

और जब जब अधर सिये है मैंने,
तब तब नयन लगे है बहने,

मत बहने दो नयनों क़ो,
कि आँशु है श्रृंगार ह्रदय का,
इन्हे ह्रदय में ही रहने दो...❣️

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6 FEB 2024 AT 12:13

तुम मुझे इसलिए नहीँ समझ पाए शायद,
तुम्हारे पास चाहने वाले ज्यादा थे..,
और मेरे पास सिर्फ तुम... ❣️

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26 JAN 2024 AT 11:03

राजनीती से मिली नहीँ,
नहीँ खरीदी पैसों से,

सौदा लहू के मोल हुआ है भगत सिंह जैसो से
और माओं ने गोली खायी थी,
बेटे लटके फंन्दो पर,
आजादी की डोली उठी है कुर्बानी के कंधो पर..!
जयहिंद 🇮🇳जय भारत 🇮🇳

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21 JAN 2024 AT 12:14

उसका ख्याल रखना मेरे महादेव 🙏🏼
जिसका ख्याल मुझे हर वक़्त रहता है..!!

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21 JAN 2024 AT 12:11

उसका ख्याल रखना मेर महादेव 🙏🏼
जिसका ख्याल मुझे हर वक़्त रहता है..!!

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21 JAN 2024 AT 10:47

बहुत हार गया हूँ यार,
मन करता है कि,
बहुत दूर निकल जाऊ,

जहाँ क़ोई ना हो,
जहाँ दिल किसी से बात ना कर सके,
ना किसी क़ो अपनी प्रॉब्लम बता सके,

बस चुप रहे,
क्यूंकि अब बस शांत होना चाहता हूँ..!!


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21 JAN 2024 AT 10:43

ये सच है आजकल मै जरा मुश्किलों में हूँ,
बस ज़िन्दगी गुजारने की कोशिशों में हूँ,

और इस दर्जे चूर कर दिया है मुझे थकान ने,
कि अब अर्धमृत सा पड़ा श्मशान में हूँ..!!




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21 JAN 2024 AT 10:39

कभी कभी इंसान..,
ना टूटता है,ना बिखरता है,

बस हार जाता है.,
कभी किस्मत से,
कभी खुद से..,
तो कभी अपनों से..!!


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20 JAN 2024 AT 13:15

रिश्तों के पैमानो पर,
मै खरा उतर ना सका,

किसी भी अपने क़ो,
मै अपना कर ना सका,

हँसते हँसते पी गया,
हर आँसू क़ो अपने,

फिर भी रिश्तों के,
इन जख्मो क़ो मै सी ना सका..!!


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