अगर आप इन अफ़सानों को बर्दाश्त नहीं कर सकते तो ये ज़माना ही नाक़ाबिल-ए-बर्दाश्त है
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मुस्कुरा कर मुझे यूँ न देखा करो
मृगशिरा-सा मेरा मन दहक जाएगा,
चांद का रूप चेहरे पे उतरा हुआ
सूर्य की लालिमा रेशमी गाल पर
देह ऐसी कि जैसे लहरती नदी
मर मिटें हिरनियाँ तक सधी चाल पर
हर डगर पर संभल कर बढ़ाना क़दम
पैर फिसला, कि यौवन छलक जाएगा-
पूर्णिमा के चंद्रमा दो,
एक गगन पे एक धरा पे।
हैं अचंभित नयन मेरे,
मैं किसे अविराम देखूं?
आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज
जी के " 76 वें अवतरण दिवस पर शरद
पूर्णिमा का यह चंद्रमा सभी को शीतलता
व शांति से युगों तक प्रकाशित करता रहे,
शत् शत् वंदन गुरुजीके चरणों में🙏🙏🙏-
मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।
~ भगत सिंह
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जिंदगी की चाह से
हर एक राह से
गुजर गया एक और साल
इस नादान जीवन का
(जन्मदिवस पर कुछ खाश अनुशीर्षक में)-
हे मेरे प्रिय और दिव्य देव और देवी स्वरूप
सखा सखियों गुरु स्वरूप सभी को सर्वप्रथम
मुझ से छोटों को नमस्ते हमउम्र को नमस्कार और बड़ों को आनंदमय प्रणाम्:|!.🙏.!|
आपको बता दूं मेरा जन्म दिवस आने वाला है।
जन्म दिवस के अवसर पर आप सभी से आशीर्वाद स्वरूप में मुझे आपसे सुख समृद्धि परम आनंद स्वरूप उपहार चाहिए।|
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💗💕कृष्ण जन्माष्टमी💕💗
राधा ने प्रेम किया
रूकमनि ने पाया
मीरा ने पूजा तुम्हें
मैंने दिल में बिठाया
कृपया पूरी कविता नीचे पढ़े 👇🙏-
हम सब बड़भागी जो इस वर्ष भी मना रहे अपने कृष्णा का जन्मदिन😍😍
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की अनंत शुभकामनाएं सभी कान्हा प्रेमियों को❤🙏-