रुस्तम
आये हो तो एक छोटा सा नजराना
लेकर जाइयेगा ☺️😇— % &,,सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो
तुम निडर रहो डरो नही ,,तुम निडर डटो वहीं
वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!— % &
प्रातः हो कि रात हो संग हो न साथ हो
सूर्य से बढ़े चलो चन्द्र से बढ़े चलो
वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!— % & सच है, विपत्ति जब आती है,
कायर को ही दहलाती है,
सूरमा नहीं विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं — % &
है कौन विघ्न ऐसा जग में,
टिक सके आदमी के मग में?
ख़म ठोंक ठेलता है जब नर
पर्वत के जाते पाव उखड़,
मानव जब जोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है। — % &आज देखा कि तुम आये हो
मन किया लिखने को तुम्हारे लिए
तुमने मना किया था फिर भी लिख रही हूं
जानती हूं तुम delet कर दोगे — % &क्या चंद लोगो के कुछ कहने से तुम
चले जाओगे ?
कुछ तो लोग कहेंगे लोगो का काम
है कहना छोड़ो बेकार की बातों में
क्यों यह yq छोड़ना 🤗
— % &
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