QUOTES ON #घटियासोच

#घटियासोच quotes

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29 JUN 2017 AT 23:02

वात्सल्य में आँचल उसका ढलका था
नीयत तो तुम्हारी गिर गयी थी
गिरा हुआ उसे कहते हो क़माल है

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30 MAR 2018 AT 11:35

Post पर सोच-समझकर comment करें
Specially all Girl's Post
घाटियाँ लोग के हित मे जारी
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मेरी समझदारी, शालीनता और मेरे संस्कार,
सामनें वालें की शराफ़त पर निर्भर करतें है !
अगर सामनें वाला मुझकों,
अपना कुत्तापना और हारामीपना दिखायेगा तो
मुझें वास्ता इश्क़ का,,,,,,😂😂😂😂
उसकी औक़ात बतानें में वक़्त न लूँगी !!

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9 OCT 2019 AT 18:55

कल जो बड़ी शिद्दत से देवी के पैर छू रहा था,
वही भीड़ के सहारे उसे जगह-जगह छू रहा था!

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1 AUG 2019 AT 11:33

खाना देने वाले का भी धर्म देखता है
वानर से मनुष बना भ्रमित नादान इन्सान
इन्सान ही इंसानियत की कब्र देखता है
ऐ मगरूर भटके हुये इन्सान रुपी शौतां
देख ले तू कब तक खुदा का सब्र देखता है

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18 NOV 2023 AT 13:39

जिसका सबसे बड़ा कारण अशिक्षा और सामाजिक व्यवस्था है।

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7 MAR 2019 AT 12:20

ऐ दोस्तों समझो ज़रा कि चंद लोगों के साथ कहाँ पूरी कौम होती है।
और यह भी सच है कि बुरे आदमी की न कोई जाति न कोई कौम होती है।

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24 FEB 2021 AT 10:45

जाति का जन्म

भगवान् श्रीकृष्ण ने भागवत गीता अध्याय 4 -13 में यह बताया है कि
ये "जाति" व्यक्ति के प्राकृतिक स्वभाव और कर्म के अनुसार है, न कि जन्म के आधार पर होता है ।

उदाहरण :- ब्राह्मण - जो पूजा-पाठ करते हैं और शिक्षा देते हैं । ( शिक्षक और अध्यापक )

क्षेत्रीय :- जो युद्ध करते हैं, सुरक्षा देते हैं और प्रजा हित काम करते हैं । ( सेना, पुलिस, आर्मी, राजनीतिज्ञ, नेता और मंत्री )

वैश्य :- जो व्यवसाय करते हैं । ( कृषक, मार्केटिंग)

शुद्र :- जो सबकी सेवा करता हो न कि नीच कुल में पैदा होता है ।

अनुशीर्षक में पढ़िये

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17 APR 2018 AT 23:29

दो कौड़ी के लोग
अपनी दो कौड़ी की
धर्म की सोच लेकर
मुझसें और मेरी posts से 200 कोस दूर रहें
वरना उनकी 2 कौड़ी की औकात बतानें में
मैं 2 मिनट ना लूँगी
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4 MAR 2020 AT 15:13

मैं किसी और से प्यार करता हूं ,
तुम्हें धोखा दे रहा हूं
तुमसे बात नहीं करता तो किसी
और से बात करता हूं
कितनी घटिया तुम्हारी सोच है ।
तुम मुझे जान ही ना पाई
आखिर इसी बात का तो अफसोस है।

मै रातभर तुम्हारी बात सोचता रहा।
बेवजह खुद को कोसता रहा।।
बहुत चाहा मगर एक पल रो ना सका
चैन से मगर एक पल सो ना सका।
रात भर तुम्हारे ख्वाब देखता रहा।
तुम मुझे जान ना पाई
बस इस बात का तो अफसोस है।
कितनी घटिया तुम्हारी सोच है।।

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6 JUN 2020 AT 14:19

जिसे प्रभु ने सबसे श्रेष्ठ समझा
वही सब से घटिया निकला।। ।।

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