माँ का पल्लू
ये समेटे होता है
एक पूरा बिखरा संसार खुद में ,,,
खाना क्या है
कपड़े कहाँ है
परेशानी क्या है
हल क्या है
सवाल सारे के जवाब
समेटे हुए है माँ का पल्लू
हमारी पहले आंसू से लेकर
जिंदगी भर के खुशी ग़म
हमारे पहले लड़खड़ाते कदम से
दौड़ कर बाहर जा चुके रेस को
समेटे हुए है माँ का पल्लू
बच्चों की जिम्मेवारी
पापा की बरकत
घर की रौनक ,,,,,,,
सब तो समेटा हुया है इस पल्लू ने💖-
Proud to be 🇮🇳
*wrting is something which can be... read more
मैं शुक्रगुज़ार हूँ ,,😇
मुझे मिली सभी
असफलताओं औऱ आलोचनाओँ
औऱ मेरे द्वारा की गयीं गलतियों की
क्योंकि
सफ़लता औऱ सुख मुझे वो बनाते है
जिसकी दुनिया को जरूरत नही
औऱ
असफ़लता औऱ आलोचनाओं औऱ
सुधार से निकले महत्त्वपूर्ण सबक
मुझे वो बनाते है
जिसकी दुनिया को *बहुत* जरूरत है-
जब वो कहता है उसकी मर्जी के बिना पत्ता नही हिलता
तो जितने पत्ते गिरते हैं वो भी उसकी ही मर्जी होती होगी
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खुद की जद्दो-जहद ने मुझे
खुद से ही कर दिया है खफा इतना कि
ना बताने की जरुरत समझी; ना मनाने का इरादा-
तुम्हे मुझमें वर्तमान नही दिखा
मुझे तुममें भविष्य नही दिखा
कुछ इस तरह बाते हमारी
कही नही रही भूतकाल के सिवा-
ग्रह दशा सब बदल जाते है
जो एक बार कुम्भ नहा आते हैं
भीड़ से डरना क्या ,
कातिल तो सुनसान राह पर भी मिल जाते है
दुरी से घबराना क्या शिव स्वयं भक्त पर इत्राते है
जिसके पैर में पड़ते है ईश पथ के छाले
वो आत्म दैवीय हो जाते है
जाओगे पवित्र मन से जो
आओगे बुरे भावों को त्याग जो तुम
पार हो जाओगे भव के चक्रव्यूह से तुम
।बिशब वरदान भव्य आयोजन है कुम्भ
जीवन का चक्रवात सौंप दो प्रभू के हाथ
वो अमृत है वो जीवंत है वो संगम है
जो करता है रक्षा मानवता की
एक सौहार्द एक पर्व एकता-अखंडता
जगत परिवर्तक है कुंभ ।।।।।।
प्रयागराज कुंभ की हार्दिक शुभकामनायें आपको
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हैलो,,,,,,,,,,
सर्दी बहुत हैं
हवाएं बहुत ठंडी हैं
मौसम भी बीमारियों का है
अपना औऱ सबका खयाल रखना
मैं जल्दी आऊँगा
अपनों को समझा कर
सबके खातिर *तैनात* सैनिक
परिवार वालो के हिस्से तो
आप भी सबसे बचकर रहना
कहना तक नही आता-
कितने अपने यहां सबके
तारों सितारों में बदल जातें है
यूँ ही नही ये ब्रह्मांड में हलचल है
कितने प्रिय उजाले सबके
जीवन से ओझल हो जातें हैं
यूँ ही नही ये ब्रह्मांड रौशन है-
ठहरे हुए दिखें
हम कितने भी
ख़यालो की उड़ान
का दायरा बस
हमारें खयाल ही जानते हैं-
तन्हा तन्हा सौ बार
काट देगें यूँ ही ये हयात
तेरी महफ़िल में शरीक
जो हो लें बस एक बार-