लाओ .....आज थोड़ी धूप ....
मेरे पैमाने में भी उड़ेल दो
काट लाओ......
इक फांक सूरज
और ......
सजा डालो ये जाम
मुट्ठी भर ......धुंध ....
तुम्हारे नाम वाली फूंक दो ....
आज .....मेरे इर्दगिर्द
और वो......
मेज़ पर रखी .....
नरम यादों वाली डायरी ....
उठा लाओ ना प्लीज
कलम भी ......गर्माइश चखना चाहती है
आज ......कुछ अजीब लिखना चाहती है-
बस इतनी सी गुजारिश थी,
जब भी मैं भटकूं , सही राह तू मुझे दिखाना,
जब भी मैं कहीं खो जाऊं, ढूंढ तू मुझे लाना,,
जब मैं कभी हताश परेशान हो जाऊं,
तुम मेरा हौसला बन जाना,,
जब कोई बात तुझे ,मेरी अच्छी ना लगे,
तुम मुझसे कहने से कभी न कतराना,,
जब तुझे कोई समस्या हो,
मदद के लिए तुम मुझे भी बुलाना,,
जब मैं पड़ूं किसी उलझन में,,
तुम साथ मेरे उसे सुलझाना,,
जब मुझे दर्द हो तुम दवा बन जाना,,-
आंखों से बरस जाना
नाक़ाबिले-बर्दाश्त जब
यार-ए-दीदार को तरस जाना-
गुज़ारिश इस दिल से इतनी थी
फिर किसी पर फ़िदा ना होना
मगर ये मेरी एक-भी ना माना
इसे फिर से टूटना जो था💔😭
-
,
मेरी ज़िंदगी में,
अपने होने का वजूद घोल देती,
हर दफ़ा मैं ही क्यों ज़ाहिर करु इश्क़,
कभी तुम भी इश्क़ होने का एहसास देती...!!
💞❤️💓😊💓❤️💞-
कभी किसी के दिल के साथ मत खेलना।
मन बहलाने के लिए कभी किसी से मोहब्बत मत करना।
-
है गुज़ारिश कि मेरी कब्र को चौड़ा रखना,
उम्र भर सिमटा हूँ ज़िन्दगी तेरे सँकरेपन से..-
ज़िंदगी उनके साथ बितानी थी!
पता नहीं! क़िस्मत में क्या लिखा था!
बगैर! उनके ही ! यह चला ! अब जीवन का सिलसिला था!
जो चाहा ! वो तो कभी मिला ही नहीं!
पर जो हुआ! वो तो मैंने सोचा ही नहीं!-
गुज़ारिश ए आसमां ...
थोड़ा सा रहम कर दें
मानवता की बारिश उधर भी कर दें
जहां हो रही मानवता त्रास त्रास
थोड़ा सा जल प्रलय उधर भी कर दे
हो मानवता की उपज उस बंजर में
बस इतना थोड़ा रहम तू कर दें-
जरा सी जिन्दगी उस रात को दो
जिस रात का इंतजार,,, ,,,
हर उस रात को होता है,,,,,
जिसमे सुकून भरा पल और तुम्हारा साथ होता है
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