गर्दिश का फलसफा
कुछ यूं समझिये,
बिन दहलीज़ के
दर दरीचे से पूछिए,
आहट तो आती है
दिल पे बार बार
क्यों है वो हमसाया,
खुद से पूछिए!-
ऐ दिल तेरे शौक़े'अज़ीयत से परेशान हो चला हूँ
लाश ढ़ोता आरमनों का कैसा इंसान हो चला हूँ।
इस उम्र-ए-दौरा में भी जीने का सलीका न आया
मेरे ख़ालिक, देख ये सब मैं अब हैरान हो चला हूँ।
ग़मो से लिपट के रोती रहती हैं अक़्सर आंहे मेरी
तज़ादे'पैहम से उलझा ग़मज़दा हैवान हो चला हूँ।
ख़याल-ए-सूद-ओ-जियाँ में उलझी उलझन मेरी
गोया मैं झोलीदा बनिये का सामान हो चला हूँ।
कौन निभाता हैं साथ भला गर्दिश-ए-अय्याम में
तकाज़ा-ए-वक़्त से महरूम वो नदान हो चला हूँ।
तस्बीह कर के चश्म-ए-तर करती रही दुआ मेरी
नालिश करता हुआ मैं कितना अनजान हो चला हूँ।-
गर्दिशों का मतलब समझ जाओगे तुम
देखोगे जब किसी चाँद को
तारों से दुआ मांगते हुए-
शीर्षक -- ।। सुकून ।।
मन, दिल, दिमाग और आत्मा के कोलाहल के बीच मैं शांति की नींद सो रहा हूँ । सुकुन के गर्दिश में खुद को दांव पर लगा रहा हूँ । पर क्या सम्भव है इससे भी सुकून मिल जाएगा । यदि सुकून यहां मिलता तो मौत न आती ।-
सोचती हूँ कि कभी सूरज नहीं,
जुगनू के भांति बन जाऊं...
भले ही दिन के सुहावने उजाले में ना दिखूं...
गर्दिशों के अंधेरे में उम्मीद की रोशनी दे जाऊं...-
अजीब हलचल सी मची रहती है, इस दिल में
बदकिस्मत हम पतझड़ से झड़ गए, इस गर्दिश में..-
ये चमक उसकी कहीं धोखा तो नहीं
नूर पर नज़र जो पड़ी कभी
वो झलक कहीं झरोख़ा तो नहीं
रात गुज़रे सितारों के साथ सभी
नाता जगमगाने का अनोखा तो नहीं
चाँदनी के दीवाने फिर भी हैं सभी
जलते गर्दिश में किसी को देखा तो नहीं-
उम्मीद से न देख सहारा नहीं हूँ मैं।
ऐ आस की निगाह किनारा नहीं हूँ मैं।
ऐसा न हो कहीं तू समझ ले तेरी फतह,
इक बस इसी ख़याल से हारा नहीं हूँ मैं।
होंगे सबब तो होंगे कोई और हाल के,
पर गर्दिश ए हयात का मारा नहीं हूँ मैं।
हाँ तुमसे मिल रहा हूँ मैं इस ही बदन से बस,
लेकिन इसी बदन में तो सारा नहीं हूँ मैं।
हैरत से देखता हूँ मैं दुनिया बदल गई,
जब से कहा है तुमने तुम्हारा नहीं हूँ मैं।-
उपकार सितारों का
***
हमारी हार को अपने गर्दिश की दशा कह कर
हमारी मनोदशा बदल देते हैं।
उपकार है इन सितारों का हम पर
जो हमारे कर्म का बोझ स्वयं ले कर
हमारा जीवन आसान कर देते हैं;
दो पल की जिंदगी और हमारे नाम कर देते हैं।
जानते हैं हम, अंततः
सितारे तो महज़ एक बहाना थे
गर्दिश में तो हम खुद थे!-