तुझे खोने का गम अब इतना ज्यादा नहीं,
तू ख्वाहिश थी, मेरी जरूरत नहीं!-
हाथों में तेरा हाथ
आओ ना ......
भूल के सारे गम
इस दीवाली हो जाएं
एक संग..
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गैरो से मिले गम थे जो अपनों में वो बाँट बैठें
अपनों के हक़ की खुशिया वो गैरों में लूटा बैठें
नाकामियो में साथ थे जिनके वो शोहरतो में भुला बैठें
अपनों से करने वाली बातें भी वो आज महफ़िलों में सुना बैठें-
जिंदगी में कितने गम हैं
तभी तो सबकी आँखें नम हैं।
चाहता तो हूँ कि बदल दूँ इस गम को खुशियों में
पर जितनी भी कोशिश कर लूँ, कम है।।-
तेरे सारे ग़म मुझपर ख़त्म होने,
मुझे भला तू कितना सताएगा..
दुनिया के निशाने पर तो मैं,
तू मेरे निशाने पे कब आएगा......-
तब तक मैं अपना हर फ़र्ज़ निभाउंगी।।
मैं अपना धर्म निभाउंगी
ना आने दूँगी तुम्हारी ज़िन्दगी में
मुसीबत कभी ।।
ना आने दूँगी गम का तूफान कभी
तुम्हारी खुशी के लिए हर
गम खुशी से सह जाउंगी।
मगर तुम्हारा साथ निभाउंगी
जब तक ये ज़िन्दगी चलती है
जब तक साँसे चलती हैं
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_होश_
दोनो की कुंड़ली मे
अलग-अलगसा दोष है
वो गम-ए-दर्द मे खामोश है
और हम...
दर्द-ए-गम से मदहोश है
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पूछते हैं वो कोई गम तो नहीं, हमनें भी कह दिया कोई गम नहीं है।
बदले हो तुम बदला है नजरिया, बदल गया मौसम पर हम वही हैं।
खुश रहो अपनीं दुनियाँ में, गर कुछ कसूर नहीं तुम्हारा नवनीत...
"अपनी जगह पर" तुम सही हो तो, अपनी जगह पर हम सही हैं।-
यह मुहब्बत यह इंतज़ार
किसके वास्ते छोड़ के जाओगे,
सोचा ना था के यूँ तुम हमें...
आधे रास्ते छोड़ के जाओगे...,
देखना यह जान मेरी..
पल भर में चली जायेगी
लेकिन.. तुम दिल से हजूऱ
आहिस्ते-आहिस्ते जाओगे,
यह मुहब्बत यह इंतज़ार किसके वास्ते छोड़ के जाओगे
सोचा ना था के यूँ तुम हमें... आधे रास्ते छोड़ के जाओगे!!-
चाय की चुस्की के साथ मैं,
अक्सर कुछ ग़म भी पीती हूँ,
मिठास बेशक कम है जिंदगी में,
लेकिन जिंदादिली से जीती हूँ।-