सच पूछिए तो इस चाहत में हमने उससे कम खोया है .
उसने इक रूहानी इश्क़ तो हमने इक भरम खोया है .
वो पाकर भी बैचैन है, मैं खोकर भी कुछ सकूँ में हूँ ,
उसने जिस्म की रौनकें पाई हैं, मैंने बस मन खोया है .
घाटे-फायदे के"राज़"का तो हमें कुछ नहीं पता मगर ,
उसने वफ़ा की नेमतें खोईं मैंने बेवफा सनम खोया है .
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