सुनो...
मेरा तन तुमसे ब्याहने जा रहा है
पर मेरे मन ने पहले ही
किसी और से प्रेम सगाई
कर ली है...
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जो हो नही सकता वही तो अब करना है!
मंजिल की चाह मे या तो जीना है या मरना है!!-
मधुशाला
दीप जलाकर मन का अपने
चल पड़ा हूं मधुशाला
वहां पर आज बुझाऊंगा मैं
अपने मन में उठती हर ज्वाला।
फव्वारा सा फूटा है जो
ज्ञान की चाह का अंगारा
मधुशाला में ही बुझाऊंगा मैं
मन की हर अनबुझी पिपासा।
बंधा बंधा सा जीवन मेरा
ढूंढ़ता उन्मोचन की परिभाषा
मधुशाला में जाकर ही होगी पूरी
उन्मुक्त डगर की अभिलाषा।
मधुशाला है मेरे लिए
अनवरत अनंत यह जगत सारा
अपने कर्त्तव्यों को निभाकर ही
मुक्त हो पाएगा मेरा जीवन सारा।-
सादगी, ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा ये वो गुण हैं
जो सारे अवगुणों की मित्रता करवा देता है!!-
जहाँ कर्तव्यनिष्ठा हो,
वहाँ करो या मरो की स्थिति होती है ।
जहाँ स्वार्थ और महत्वाकांक्षा हो,
वहाँ अगर मेरा नहीं, तो तुम्हारा भी नहीं ।-
अवस्था हमेशा व्यवस्था की मोहताज़
होती है.....
और व्यवस्था कर्तव्य निष्ठा की.....
अब अवस्था बद से बदतर होने लगे
तो यकीनन व्यवस्था से जुड़े लोगों
की कर्तव्य निष्ठा पर सवाल होनी
चाहिये और यहीं वो मुकाम है
जहां जाति धर्म संप्रदाय रिश्ते
नाते मोह लालच से परे होकर
इंसान होने का सुबूत देना
पड़ता है........
अब अगर हमारे अंदर ये खुबिया नहीं
है और फिर भी हम अपने को इंसान
मानते हैं तो से अपने मुह मिया मिट्ठु
बनने वाली बात है.......
इमान का तकाज़ा ये है कि अदल
इंसाफ और सच्चाई पर दुनिया
के किसी असबाब का गलबा
नहीं होना चाहिये अगर ऐसा है तो
यकीनन हम खुद को फरेब देते हैं......-
ईश्वर की रचित इस दुनियां में
तेरा आना एक प्रयोजन है
कुछ रीत बना,कुछ नियम तोड़
कुछ अलग सा करके दिखाना है
अनुशीर्षक में पढ़े......-
________कर्तव्य _________
जन्म लेते ही हर मनुष्य का कुछ करने का कर्तव्य
देश के लिए मर मिटने का कर्तव्य
अपने अधिकार के प्रति लड़ने का कर्तव्य
माता पिता के लिए कुछ करने का कर्तव्य
जीवन में आगे बढ़ने के लिए कुछ करने का कर्तव्य
अपने भाई का बहन के प्रति कुछ करने का कर्तव्य
जीवन में एक पति का उस पत्नी के प्रति कुछ करने का कर्तव्य
हर धर्म का पालन करने का कर्तव्य
कर्तव्य सिर्फ कर्तव्य ही नहीं
उसे आत्म समान से निभाना भी कर्तव्य है
कर्तव्य ना सिर्फ दिखावे के लिए की जाए
कर्तव्य जो अपनी इच्छा द्वारा की जाए
कर्तव्य वह नहीं जो देश के प्रति सिर्फ भाषण ही दिया जाए
कर्तव्य वह है जो वीर अपने प्राण दे कर देश की रक्षा करते हैं
कर्तव्य हर उस मानव समुदाय का होता है
जो अपने काम काज को ईमानदारी के साथ निभाए
कर्तव्य उस भगवान के प्रति भी थी
जिसने आज हमे इस धरती पर मनुष्य के रूप में भेजा
लड़कियों का भी कर्तव्य होता है
जिसे वह हमेशा से निभाती आ रही है
समाज का भी कर्तव्य आवश्य ही होता है
की वह दूसरी की सहायता करें-
सच्चाई और कर्तव्यनिष्ठा जो हर पल तुम्हारे साथ है, चिंता ना कर तू कोई फिर जीत तो तेरे साथ है.!
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