डूबती हुईं आंखों को किनारा चाहिए
समुद्र के किनारे रेत को सहारा चाहिए।
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मनीषा सिंह (S)
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जो follow करके unfollow करने वाले है उनसे मुझे यही कहना है कि कृपया करके मुझे follow ना कर... read more
Joined 30 January 2020
18 JAN 2022 AT 22:55
8 NOV 2021 AT 23:24
उन आंखों को
जिसमें डूबी हर
ख़्वाहिश थी
मैं हमेशा इस इंजतार में
आएगी झोंके सी
ठहर कर मेरा हाल पूछेगी
मैं उसे फिर
कभी जाने ना दूँगा
यह सोच कर
मैंने रात के अंधेरों को
अपने में सिमट कर
रह गया।-
7 NOV 2021 AT 14:42
तुम धड़कनों में हो
तुम मेरे विश्वास में हो
ऐसे मचलते हवाओं में हो
हाँ यह जमीन की रेत है
मैं यहां नहीं
तुम्हारे पास तुम्हारे साथ
तुम्हारे लिए हूं
हाँ तुम धड़कनों में हो
तुम मेरे विस्वास में हो।
❣️-
27 OCT 2021 AT 17:14
तुझे होंठो से छू कर साँसों में उतरना है
तेरा दिल ही नहीं जिस्म भी हासिल करना है।
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8 OCT 2021 AT 23:28
Mere sath chalo saya ban kar tum
Mere man mein nahi
Mere andar bas jao
meri takdir ban kar tum
❣️-
7 OCT 2021 AT 0:25
वक़्त के आगे मजबूर हू तब ही तुमसे दूर हूं
खुदा की रहमत है कि आज दूर होकर भी तेरे पास हूं।
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