Nand Gopal Aghnihotri  
1.5k Followers · 211 Following

read more
Joined 18 June 2018


read more
Joined 18 June 2018
9 APR 2021 AT 16:58

इंसानियत है इसलिए,
दुनिया नीच समझती है ।

-


8 APR 2021 AT 17:56

कदर तभी तक है,
जबतक ऊँचाई पर हैं ।
गिरने के बाद तो
कुचल दिया जाना
ही नियति बन जाती है ।

-


9 APR 2021 AT 17:05

मेरे मोबाइल में खराबी आगई है,
इसलिए कुछ दिनों का अवकाश ।

-


8 APR 2021 AT 21:03

जन्म लेकर गोद में खेलना, आश्रित फिर श्रमिक, श्रम करते-करते उतार चढ़ाव झेलते कूच कर जाना ।

-


8 APR 2021 AT 17:52

महसूस
हो
वह
भी
जो
झेले
सिर्फ
उसे ।

-


8 APR 2021 AT 14:37

एक किनारा दूर हटता है,
तो स्वभाविक है दूसरे का भी दूर हट जाना ।
हटे भी तो क्यों नहीं,
महत्वाकांक्षा की बाढ़ जो आजाती है ।

-


8 APR 2021 AT 14:31


कुछ मोड़ ऐसे भी थे, और मिलते हैं
जहाँ से साथ चलते-चलते किनारा
कर लेना पड़ता है ।
क्योंकि वो किनारा कर चुके होते हैं ।
फालो करते-करते अनफालो करना
पड़ता है, क्योंकि
पहले वो अनफालो कर चुके होते हैं ।

-


8 APR 2021 AT 13:56

जिन्दगी का वो सुहाना कल,
अचानक याद आगया जब नींद से बोझिल हो रहे थे पल ।
घर से करीब 1200 किलोमीटर दूर,
जब बिहार से मध्यप्रदेश जान पड़ा सुदूर ।
जुलाई का महीना था, नौवीं कक्षा में छः माह पढ़ चुका था ।
जब छोटे से शहर सिवनी में नौवीं कक्षा में दाखिला हुआ था ।
भाई साहब बॉटनी के लेक्चरर, बेचलर ।
यहाँ भरापूरा परिवार, वहाँ अनजाना शहर ।
एक धनात्मक पहलू था मेरा,
छः महीने का नौवीं का कोर्स था पूरा ।
स्वाभाविक था कक्षा में गणित में नाम था मेरा ।
10 सहपाठियों का समूह बना,
परिवार रहित डेरा था यहीं होते थे जमा ।
समूह में पढ़ाई होती, अच्छे विद्यार्थियों में गिनती होती ।
कैसे भूल सकता हूँ वह छोटा सा शहर,
जहाँ परिवार सा भरपूर प्यार मिला ।
अब तो सिर्फ यादें हैं 72 में शहर छूटा,
फिर जाने का मौका ही न मिला ।

-


8 APR 2021 AT 11:09


मानवतन यह व्यर्थ ही समझो,
कुण्ठित बीते जीवन सारा ।

-


8 APR 2021 AT 10:53

कर्ण सी सहनशीलता,
एकलव्य सी निष्ठा और
अरुणी सी गुरुभक्ति ।

-


Fetching Nand Gopal Aghnihotri Quotes