कवि
न कम्प्यूटर पर लिखता है
न कागज पर;
न कीपैड से लिखता है
न कलम से ।
कवि
कल्पना पर,
कल्पना से,
कल्पना लिखता है ।।-
यह शरीर ईश्वर द्वारा निर्मित कंप्यूटर से भी बेहतर हार्डवेयर (hardware) है, जिसमें ईश्वर ने मानव की कल्पना से परे सॉफ्टवेयर (Software) स्थापित किया है।
इन सॉफ्टवेयर्स में से एक ऐसा सॉफ्टवेयर है कि जैसा आप सोचते हैं वैसा बनाने की प्रक्रिया शुरू करता है और जीवन में कभी न कभी वैसा होता भी है।
इसीलिए बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि, शुभ शुभ बोलिए। शुभ शुभ सोचिए।-
✨✍️मैं, मेरा गाँव, शहर, नौकरी एवं लोगों का प्यार✨✍️
वर्षों हुए! अचनाक गाँव की दहलीज पर हमारा कदम पड़ा,
१...✍️ कि शीघ्र वहाँ के नन्हें बदमाशों की फौज का खिला मुखड़ा।
क्या इतनी भी चाहत थी हमारे लिए जो सबके सब उमड़ पड़े।
देख रहा था गाँव नज़ारा व घरों से हमसे मिलने आए छोटे बड़े। ...२✍️
एक इंजीनियर के लिए गाँव में ऐसा प्यार गौरवान्वित महसूस कराता था।
३...✍️ खुशी भी थी बहुत कि शब्द नहीं तारीफ में मैं महफूज ही उसे जताता था।
परदेशी मैं नहीं पर गाँव से बड़ी दूर, मेरी नौकरी थी शहर में।
तभी दिनों में दिखे थे सभी आनंदित वे खुशियों की लहर में। ...४✍️
मजहब का मतलब हम जानते ही नहीं थे, सभी हमारे अपने थे।
५...✍️ भाईचारे की भावनाओं से लिप्त सारा गाँव अज़ीमों के सपने थे।
शासकीय नौकरी न होने के चलते बहुत सुनना पड़ता था कभी।
पर अब पता चला, नौकरियाँ सदा बेहतर हैं अपनी जगह सभी। ...६✍️
वैसे गाँव के वातावरण का क्या कहना, मुश्किल है बखान।
७...✍️ शहरों की भी मजबूरी है कि वो वैसे नहीं जो लगते बेजान।
नहीं कह सकते हमेंशा कि गाँव या शहर ही अच्छा है, निर्भर करता है।
अपना जन्मस्थान सबको प्रिय है, जिन्हें देखकर वाकई जी भरता है। ...८✍️
दूरस्थ हैं तो क्या हुआ, आवागमन के कई साधन उपलब्ध हैं।
९...✍️ समय और किस्मत का साथ चाहिए पर वही अनुपलब्ध हैं।-
इंसान का सफ़र
पाषाण-युग से कम्प्यूटर तक का सफ़र
जारी है ऑक्सीजन को फेफड़ो तक पहुँचाने का सफ़र-
आज भी_मेरी_कलम_✍महत्वपूर्ण है....
कितनी अजीब दास्ताँ है दोस्तों,
कंप्यूटर पर बैठकर आज कलम✍ के
बारें में लिख रहा हूँ.-
कार्यालय-कार्य से थक जाता हूँ।
सम्मुख कम्प्यूटर से हट जाता हूँ।
छोड़ निःश्वास अपने में आ जाता हूँ।
शांत चित्त-पटल पर तुम्हें पा जाता हूँ।
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Computer, computer खेलते खेलते,
जिंदगी complicate हो गई....
बाकी जो बचा था
Dedicate में खो गई....-
बाबाओं की मौज है सरकार के सम्मान
हाड़ तोड़ मेहनत करे मरता रहे किसान
नीलम-