किताबों के साथ साथ लोगों की पढ़े ,
किताबें ज्ञान देंगी और लोग अनुभव ...
हमारे जीवन में शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण है किताबों का ज्ञान हमारे जीवन को एक अच्छी उन्नति व हमारे समाज में जीने का सर्वोत्तम स्थान हमें प्रदान करता है हमारे वर्तमान से लेकर हमारे भविष्य तक का मार्गदर्शन मे पूर्ण योगदान करती हैं लेकिन ये अनुभव शब्द हमारे जीवन कि वो परी - सीमा है जो हमें हमारे बड़ों से हमारे गुरू जनों से प्राप्त होती है अनुभव हमें वर्तमान से भविष्य कि ओर जाने में जो उसके बीच का समय होता है वो अनुभव का ज्ञान कराता है जब कभी भी मैं अपने से बड़ों के साथ बैठता हूं तो मुझे मेरा ज्ञान मेरी समझदारी क्षीण सी प्रतीत होती हैं उनके शब्दों कि गहराई मोनो जैसे एक किताब को दो शब्दों में पूर्ण कर देती हैं।
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ख़लल एक शब्द ही नहीं ....
उस की याद आई है सांसो ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
- राहत इंदौरी
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तन्हा कैसे बीती मेरी सारी रात बताता हूँ,
कैसे टूटे मेरे कुछ ख्वाब बताता हूँ,
न समझे किसी ने मेरे वो जज़्बात बताता हूँ..
है तबीयत मेरी क्यों नसाज़ बताता हूँ,
कहानी तबाही की मेरी मैं आज बताता हूँ,
बरसों बाद खुद से हुई क्या बात बताता हूँ,
भरी मुट्ठी फिर भी क्यों खाली हाथ बताता हूँ..
बिलखते लबों के मेरे हालात बताता हूँ,
क्यों छूट गए है कुछ अपनों साथ बताता हूँ,
लफ्ज़ों में दबी मेरी हर साँस बताता हूँ,
ज़माने ने किया कैसे नज़रअंदाज़ बताता हूँ..
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मेरे गंतव्य में तुम्हारा ठहरना
अनिवार्य था बाकी सब निमिष मात्र...
मैंने प्रेम
बिछाया तुम्हारी देहरी पर..
विश्वास की थाह लिए...क्योंकि
मैं जानता हूँ
तुम्हारे होने भर से इन
अधूरी कविताओं में पूर्णता कोई
क्षणिक कौतुक नही...
विस्तार है
प्रेम का...
तुम्हें पढ़ना होगा मेरे मौन को
तुम्हें पुकारे जाने तक
औऱ ठहरना भी होगा
हमारे शून्य हो जाने तक...!!
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" क्यों महुआ तोड़ें नहीं जातें पेड़ से "
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दीदी तुम सारी रात
क्यों महुए के गिरने का इंतजार करतीं हो
क्यों नहीं पेड़ से ही सारा महुआ तोड़ लेती हों
दीदी कहती हैं
वे रात भर गर्भ में रहते हैं
जब जन्म का समय उनका पूरा हों जाता है
खुद ब खुद धरती पर आ गिरते हैं
भोर , ओस में जब वें भींगते है धरती पर
हम घर ले आते हैं उन्हें उठाकर
पेड़ जब गुज़र रहा हो
सारी रात प्रसव पीड़ा से
बताओं कैसे डाल हिला दूं मैं जोर से
बोलों कैसे तोड़ ले हम
जबरन महुआ किसी पेड़ से
हम सिर्फ इंतजार करते है
इसलिए हम उनसे प्यार करते हैं-
किसी का आपके लिए एक msg आना
ओर किसी के लिए आपका एक msg जाना
वो सिर्फ़ एक formality नहीं हो सकती
इस process के बीच में कुछ चीजें होती हैं
जिसे हम प्यार, फिक्र, चाहत ओर अपनापन
जैसे नाम भी दे सकते है ........।।
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आज मेरे Best friend #Anika Shukla ji को
जन्मदिन पर सप्रेम बधाई और दिव्य हार्दिक शुभकामनाएं... आने वाला प्रत्येक नया दिन, आपके जीवन में अनेकानेक सफलताएँ एवं अपार खुशियाँ लेकर आये!
Happy Birthday 🧀🥧🎂🙏-
मै...
खूबसूरत ख्याल लिखता हूँ फिर तेरा हाल चाल लिखता हूँ
सच अगर सच ही कह दिया तो फिर
सब कहेंगे बवाल लिखता हूं ...
तंज करता नहीं किसी पे मैं सिर्फ अपना मलाल लिखता हूँ
लोग तारीफ़ झूठ करते है या मैं सचमुच कमाल लिखता हूँ ...-
मौत से जानें ये मुझे भय कैसा।
जो पाया नहीं मैंने अभी तक उसको खोने का डर है
जो पाना है उसके ना मिलने का भय कैसा।
वक्त तो धूप में रखे सुराही के पानी जैसा
जीवन हर पल साँसों के साहिल सा
पल भर की कहानी पर इतना क्यों रोना है
अमृत जो कभी छलका ही नहीं,
फिर हवाओं का खौफ कैसा।।
मौत से जानें ये भय कैसा
एक असहाय मृत पक्षी को देख
खुद पे ही इतना मुझे तरस कैसा।।
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