उदास बारिशों के मौसम में
तुम्हारी ये अदा भी खास लगी
मैने अभी कुछ कहा भी नहीं
और तुमने पूरी मुलाकात कर ली..
नीलम-
जो किताबों में गुम हो जाऊँ...
मैं वो तारीख़ बँनू
जिनके न रहने से किताबें र... read more
बस थम जाएँ ये हसीन घडियां इसी वक्त
तुम हो, चाय है और क्या चाहिए कमबख़्त...
नीलम-
जो आंखों से दिखते जरूर हैं
पर हकीकत में होते नहीं ...
दूर से कितने ही रंग भरे दिखते
पर होते बेरंग से सच में
छूने की कोशिश करो तो
हाथ रीते ही रह जाते
बिखर जाते हैं दोनों ही टूटकर
सपने टूटे जो नयन बरसते
और बादल भरे तो
धरा पर बरस जाते....
नीलम
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कि कहीं मासूम सपने जागते हैं
उनके सिरहाने पर कई नैन ताकते हैं
झांकते हैं उदासी से पार की दुनिया
राह देखते हैं किसी के लौट आने की
हर आहट पर वो सहम जाते हैं
सहर होने तक थक सो जाते हैं....
नीलम
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जिंदगी की कहानी
सपने नये हैं
पर उम्मीदें पुरानी...
इस शाख पर उगे पत्तों की तरह
जीवन भी बिखर जाएगा एक दिन
कली से फूल होंगे और फल बनेंगे सभी
चक्र जीवन का सबके
चलता रहेगा यूँ ही
बहारें,पतझड़ , बसंत, शिशिर
आते रहेंगे यूँ ही
सफर एक ना एक दिन सबका
खत्म हो ही जाएगा
जी ले पूरी शिद्दत से
जब तक न आए बुलावा...
नीलम
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एक भुलावे में जी रह थे जैसे
अब जाकर भ्रम टूटा है
क्या कहें , अपना सिक्का ही खोटा है......
नीलम-
तेरा चेहरा मुझे चाँद में नजर आता है
रात की हथेली में चाँद शरमा जाता है....
नीलम-
मौसम है सुहाना कि आज झूमने को जी चाहता है
एक मीठी,अदरकवाली चाय पीने को जी चाहता है....
नीलम-
थम गए जो रहगुज़र में, कारवें वो फिर कहां
रहगुज़र के जो हुए हैं वो सफर के फिर कहां
साथ देते हमसफर बन, हमनवां वो मिल ना सके
सब मुसाफिर मंजिलों के रहगुजर के फिर कहां..
नीलम
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