जिन्हें नींद नहीं आती उन्हीं को मालूम है..!
सुबह होने में कितने जमाने लगते हैं..!!
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कुछ रिश्ते रब बनाता है
कुछ रिश्ते लोग बनाते है
पर कुछ लोग बिना किसी
रिश्ते के रिश्ते निभाते है
शायद वो ही “ दोस्त ” कहलाते है .-
हम लाख बुरे सही उनके नजरों में,
पर उन्हीं नजरों में हमारे लिए प्यार
साफ नज़र आता है।
#कुछ जज्बात छुपाए नहीं छुपती-
उन्हीं गलियों के मुसाफिर है.......
जहां से कभी तुम गुज़रे थे.....-
नज़रंदाज़ करने का बहुत शौक था उन्हें,
हमने भी तोहफे में उनको उन्ही का शौक दे
दिया..!-
चल पड़े हैं आज फिर से उन्हीं राहों पर,
जहां से लौटना नामुमकिन हो रहा है,
खाई थी ठोकरें एक बार पहले भी और
आज भी वक्त अपना ज़ोर आज़मा रहा है...-
नजरअंदाजी का बड़ा शौक
था उनको,
हमने भी तोहफे में उसको
उन्हीं का शौक दे दिया।।
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उन्हीं गलियों में,
एक बार फिर लौट जाते है ।
फिर एक दूजे के लिए अंजाने हो जाते है ।।
जहां हम दोनों थे
पर 'हम' नहीं थे ,
'आप ' फिर से तुम
और मैं 'आप' बन जाते है ।
फिर एक दूजे के लिए अंजाने हो जाते है ।।1
कितना सुकून था उन लम्हों में
मेरा तेरी 'आँखों' में
और तेरा मेरी 'बातों' में ,
उन लम्हों की याद लिए
मोहब्बत को जवां करते है ।
फिर एक दूजे के लिए अंजाने हो जाते है ।।2
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