वो कभी मुझे महँगे तोहफे नहीं देता
पर हां इज़्ज़त बेहिसाब करता है...-
खुद की तलाश में हूं!
खुद से ही अनजान हूं!
जीवन में इतनी समस्या है!
क्या बताऊं कितनी परेशान हूं!-
तुझे भुलाना बहोत ही आसान था ,
मगर पाना बहोत ही मुश्किल ।।-
इतना भी गुमान न कर
अपनी जीत पर ऐ बेखबर
शहर में तेरे जीत से भी ज्यादा
चर्चे तो मेरी हार के हैं।-
मेरा सामना हो तुझसे
ये मेरी दिली़ ख्वाहिश है
ज़रा मैं भी तो देखूं कितनी
हद है उस खौफ़ की-
इतना भी हमसे नाराज मत हुआ करो
इतना भी हमसे नाराज मत हुआ करो
बदकिस्म जरूर है हम मगर बेवफ़ा नही
-
मुझे ना सताओ इतना कि
मैं रुठ जाऊं तुमसे
मुझे अच्छा नहीं लगता अपनी साँसों से जुदा होना-
लगता हैं मैं परिक्षा के मुश्किल सवाल जैसा हूँ,
बिना समझें ही सबने मुझें छोड़ दिया।-
कुछ खास नहीं है,कोई नज़ारा नहीं है,
दिल टूटा ज़रूर है,मगर बेचारा नहीं है।
उसके हर बातों को हंसके माना है हमने,
उसने मेरी बातों को कभी स्वीकारा नहीं है।
वो शहर में सुना रहे किस्से बच्चों की तरक्की के,
बुढ़ापे में फिर भी,कोई सहारा नहीं है।
वो बड़े लोग है गौरव,इनसे बचके रहना है,
अब इतना बड़ा होना, हमें गवारा नहीं है।-