तेरी यदो की राते यू सताये जा रही है
धीरे धीरे मुझे खाये जा रही है
हर रोज़ सोचता हूँ कल से भुला दूँगा तुझको
और कमभक्त तेरे यह रातो के ख़ुवाबे
मुझे फिर से तेरा रोगी बना रहे है-
तेरी यह बेरुख़ी कुछ इस कदर हसर कर रही है जैसे सूर्य पर ग्रहण हो जैसे शूना सा सहर हो जैसे मेरे दिल में अब ज़हर हो जैसे मोथ का पहर हो जैसे यह आख़िरी सहर हो .....................
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यू धीरे धीरे मुरझा रहे थे हम ,
आप ने यू अते ही थाम लिया,
महक हूठे हम,
सच कहे तो यह महक भी आपसे पाई हुई है ।-
चलो हिसाब बराबर हुआ अब कोई गम नहीं मेरे पास तुम नहीं तेरे पास अब हम नहीं और यह कहानी का पन्ना हम यही फाड़ते है बस अखरी बार यही कहना है तुमसे अब इन पन्नो झोड़ने की कोसीस ना करना कियोकि अब ज़िंदगानी कि पन्ना हम यही फाड़ते है
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बहुत भोले रह गए ना हम
इतने भोले की
किसी बात का बुरा लगा या
कभी जो दिल दुखा
तो कुछ कह भी ना सके
दूसरो की खुशी के लिए
ख़ुद को लूटा दिया
दूसरो की मुस्कुराहट के लिए
खुद को भुला दिया
अब कुछ नहीं बचा हिस्से में
ज़िंदगी बीत गई
इस फ़ैमिली की क़िस्से मैं चुकाते चुकाते 🖤🖤-
मिलावट है तुम्हारे इश्क़ मैं इत्र ओर सराब की
इसलिए तो कभी महक जाते है तो कभी बहक जाते है-
Bada or dil ki chaha sab Kuch hai tumari khubsurti pr jab tak tumari khubsurti hai tab tak cha hai varna Kuch Nhi hai 😀
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रहने दे एक मुलाकात उधार यूं ही,
सुना है उधार वालों को लोग भुलाया नहीं करते।
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तुम्मे और मुझमे फहरक् सिर्फ इतना है
तुम मतलब से बात करती हो
और मुझे बात करने से मतलब है-
सुना है बहुत बारिश है तुम्हरे सेहर मैं
देखना कही भीग मात जाना
क्योकि पानी के साथ अगर गलत फेमिया भी धूल गई
तो याद बहुत आएँगे हम तुम्हे-