QUOTES ON #अबोध

#अबोध quotes

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20 DEC 2019 AT 21:48

आये क्यों क्रोध
करता जब शोध
तो होता बोध
कि हूँ मैं अबोध

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एक अबोध बालक सा प्रेम
करता रहा तुमको,
तुम्हारा प्रेम एक
उड़नतश्तरी जैसा है।
जब ये बोध हुआ
मैं सीधे अंतरिक्ष से
धरती पर आ गिरा।।

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उल्फतें कि रुसवाई,
उजलतें कि बीनाई,
जिस्म–रूह चाक हुए
अब ‘फ़क़त’
जोड़–तोड़ तुरपाई।

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3 MAR 2021 AT 16:01

कुछ भी गलत होने पर
एक अबोध बालक की
प्राकृतिक प्रतिक्रिया होती है: रोना।

और जब अबोध की जगह
बोध आ जाता है, तो
प्राकृतिक प्रतिक्रिया होती है: हंसना।

आजकल, आस पास वाले लोगों को
मुझसे रश्क है कि ये बेवजह ही हंसती रहती है,
न जाने किस जन्नत में रहती है!

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जिंदगी ख्यालों से अलग होती है,
ख्याल अगर मासूम
और अबोध हैं
तो जिंदगी
एक यक्ष प्रश्न है।।
बहरहाल
उन ख्यालों को पालिये,
जिनसे ख़ुशी मिलती है।।
जब तक सम्भव है...

सिद्धार्थ मिश्र

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27 NOV 2017 AT 11:55

अबोधता में साहस और निर्भिकता का समावेश होता है।

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संयोग और वियोग
के अनुक्रम में
दो आत्माओं के मध्य
बढ़ रही हैं - दूरियाँ
एक अमुक अभिलाषा
की आस में कि- एकदिन
फिर मिलेंगी
दो अनजानों की तरह
जहाँ पुनः संवादों की
तंरगें गूँजेगी उनके शून्य में
सुशोभित कलियों का
प्रस्फुटन होगा
अंतस के अनन्य में
जिसकी सुगंध से
पुनः तृप्त होंगी - दोनों की
"अबोध आत्माएँ"

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6 APR 2018 AT 16:08

बहू ने ऊँची आवाज में पूछा 'काम के न काज के दुश्मन अनाज के'लल्ली बताओ कौन?दादी की गोद में बैठी अबोध ने प्यार से
दादी का झुर्रियों वाला गाल छूकर कहा 'मेली प्याली दादी'(मेरी प्यारी दादी)दादी पोती फिर अपने खेल मे मग्न हो गए, बहू भी प्रसन्न दिख रही थी।

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26 JAN 2023 AT 19:15

मैं नहीं हूं धरा सी सहनशील,
न ही मेरा विशाल हृदय है,
मैं एक अबोध बालिका हूँ,
जिसका कच्चा सा मन है।।

है नहीं प्रेम का ज्ञान मुझे,
न ही मैं परिचित हूँ एक रूप के अनेक रंगों से,
नहीं है संघर्षो का भय मुझे,
न ही जीवन जीतने का हठ है,
मैं कोमल सी कली हूँ,
जिसे जीवन जीने की आस है।।

भटकी नहीं हूं अंधेरों में मैं,
न ही पिंजरों ने मुझे घेरा है,
पर है नहीं कोई उड़ान मेरी,
बिना पंखों की आजाद चिड़िया हूँ मैं।।

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22 FEB 2022 AT 9:16

सलाहतों से बोल ज़रा मुझे भी सिखा दे
के कैसे मिला जाता है
जैसे अनपढ़ को शब्दों का मेल नहीं समझ आता
जैसे कच्चे घड़े में पानी नहीं ठहर पाता
तू मुझे अबोध जान थाम कर ही ले चल ज़रा
सच कहूं मुझसे बिन प्रलाप के चला भी नहीं जाता

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