प्यासी चिड़िया
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सूरज तेज चमक रहा था
सब थे गर्मी से बेहाल,
ताल तलैया सब सूखे थे
पशु पक्षी का था बुरा हाल।
एक नन्ही चिड़िया प्यासी थी
प्यासे मन में बड़ी उदासी थी
पानी की तलाश में भटक रही थी
एक आँगन में उतर कर आई
नल बन्द था बाल्टी थी खाली
कैसे पीए पानी चिड़िया रानी
इधर उधर वह फुदक रही थी,
तेज प्यास से तड़प रही थी।
नहीं दिख रहा था कहीं पानी
लेकिन चिड़िया हार ना मानी,
जा पानी के पाइप पर बैठी
काश कहीं पानी मिल जाता
बार-बार मन में ख़्याल यही आता।
चौंक उठी थी चिड़िया रानी,
पाइप पर कुछ लिपटा था
शायद पाइप फटा हुआ था,
बँधा प्लास्टिक,कपड़ा था
चिड़िया उसे चोंच से लगी खोलने
कुछ ही देर में पानी रिस रिस आया
सफल हुआ नन्ही चिड़िया का प्रयास
वह पानी पीकर बुझाई अपनी प्यास।
रेणु शर्मा
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