सभ्यता बदल रही है, और संस्कृति की
हत्या हो रही है l
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मैं वो नहीं जो तुझे दुख में छोड़ दूंगी
मैं वो नहीं जो तुझसे रिश्ता तोड़ दूंगी
मैं वो हूं जो थम जाए अगर सांसे तेरी
तो मैं अपनी सांसे भी छोड़ दूंगी।-
देश की सबसे बड़ी समस्या ये हैं की
यहां देश की समस्या को लोग
देश की समस्या समझते हैं, अपनी नहीं।-
मेरे अल्फाज ज़हरीले होने की एक वजह यह भी हैं...वर्षों पहले एक नागिन को मू लगाया था हमने...
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गमों का सैलाब भी दम तोड़ देता है
मेरी ख़ुशी की बुलंदी को छूते-छूते!!-
स्वार्थ की भावना से ऊपर उठकर जन की मुस्कान बनाना हैं
सबको अपना समझ के आगे बढ़ के सबका साथ निभाना हैं
रास्ते थोड़े मुश्किल जरूर हैं मगर इन रास्तों पे हँस के चलना हैं
परेशान न हो कोई हमसे इस बात का भी ख्याल रखना हैं
हम क्यों डरे आने वाले कल से हमें तो आज में जीना हैं
मंजिल कितनी हसीन होगी जब साथ अपने पूरी दुनिया होगी यही सोच के आगे बढ़ते जाना हैं-
गम के बादल को हटा कर
उम्मीद का सूरज बनना है
छोटे छोटे क़दमों से अपनी मज़िल को नाप जाना है
सही मार्गदर्शन पर चलकर
सूरज के तरह प्रकाश फैलाना है
सपनों को पाने के लिए थोड़ा पागल बनना है।-
देशभक्ति की जब बात करते हो तुम
फ़िर क्यों उसे यूँ बर्बाद करते हो तुम
धर्म और अधर्म तुमने कभी नहीं जाना
फ़िर भी अपना सीना तान चलते हो तुम
गरीबों के दुखों को तुमने कभी ना पहचाना
फ़िर भी देश के वीरों को याद करते हो तुम
तुम्हारी ही कड़वाहट ने बिगाड़ दी सुंदरता
जिस भारत पर अब भी नाज़ करते हो तुम
किसको क्या मिला अपनी-अपनी क़िस्मत है
इक दूसरे में फ़िर क्यों ये ख़टास भरते हो तुम
देश कोई "कोरा कागज़" नहीं जो लिख डाला
फ़िर क्यों झूठ लिखकर इसे तबाह करते हो तुम।-
औरत को नापसंद मर्द की मुहब्बत भी हवस लगती है !
और पसंदीदा मर्द की हवस भी मोहब्बत लगती हैं !!-
अपनी जिंदगी सौंप दी तुझे अपनों से ज्यादा मान कर,
चल दिया फिर तू मुझे ठुकरा कर, अपनी ज्यादा मान कर!-