हिंदी है दिल की आवाज़,
माँ की बोली, देश की लाज।
मिट्टी की खुशबू, खेतों की शान,
हर कोने में इसका मान।
शब्द इसके जैसे मीठे झरने,
दिलों को जोड़ें, दुख सारे हर लें।
जहाँ भी गूँजे हिंदी का नाम,
महके जैसे हो गुलाबों का धाम।
हम सबका है पहला कर्तव्य,
हिंदी को दें सबसे अधिक गर्व।
आओ मिलकर वचन ये खाएँ,
हिंदी का परचम ऊँचा लहराएँ।-
थोड़ा🤏विवादित हूँ
फिर भी मर्यादित हूँ🤩
"जिंदगी एक Canvas है - इसे डर के रंगों से नहीं,
जुनून, उत्साह और जज्बे के रंगों से भरो।"-
हाँ हम बिहारी है
अपने जन्मभूमि के अभारी है
अपनी ज़िद्द से हर मुकाम हासिल करने वाले
हम ही तो इक बिहारी है जो सब पर भारी है
मैथिली,भोजपुरी, मगही अन्य यहाँ की भाषाएँ है
जिसको बोलने में बिहारी कभी नहीं शर्माते है
बिहार इतिहासों की गौरवगाथा है
जो पूरे विश्व में जाना जाता है
बिहार हमारी शान है
जो बिहारी कहलाना हमारा अभिमान है।।-
सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाते वो
चश्मा,धोती से पहचाने जाते वो
भेद भाव को भुलकर
मिलकर जीना सिखाते वो
सही मार्ग दिखलाते वो
बापू नाम से पुकारे जाते वो
उच्च विचार, जीवन सादा रखते थे वो
महात्मा गांधी से जाने जाते है वो
बिना शस्त्र के देश को आज़ाद करवाए वो
एक लाठी के दम पर अंग्रेजों को दूर भगाए वो
आज राष्ट्रपिता कहलाते वो।।-
हम तिरंगे के दीवाने है
भारत माता की जय जयकार करते है
जिसने भारत को आजाद करवाया
हम उन वीरों को शत् शत् प्रणाम करते है।
🇮🇳 Happy Independence Day 🇮🇳-
इक दिन रंग लायेगी
जब हो जायेंगे हम भी कामयाब
मेहनत की कलम हमारी मान बढ़ाएगी
मेहनत जब तक हम न करे
ये कलम हमें मंजिल तक न ले जायेगी
मेहनत करने पर ही
ये कलम हमारी ताकत बन जायेगी
जितना हम संघर्ष करेंगे
ये कलम उतना ही चमक लायेगी
मेहनत की कलम हमें
इक दिन कामयाब जरूर बनाएगी।-
देखे ये सारा ज़माना
दुनियां के सभी रिश्तों में
सबसे खास है मेरा याराना
जीवन में जो रस घोल दे
वो मिठास है तेरा मेरा याराना
यही वो नादान यार है
यही वो विद्वान यार है
जिसका हमारे जीवन में रहा
सबसे बड़ा योगदान है
हर परिस्थिति में साथ देने वाला
इक दूसरे के खातिर
सबसे लड़ जाने वाला
यही हमारी याराना है
जिसे पूरी ज़िंदगी
एक दूसरे का साथ निभाना है।-
कुछ खट्टी, कुछ मीठी सी बातें
वो बचपन की लहराती यादें
दोस्तों के साथ बीते
हर पल याद आते
नुक्कड़ के झगड़े
अब चेहरे पर मुस्कान लाते
नटखट बचपन के ख़्वाब भी
अब नटखट नज़र आते
बचपन के वो शरारती लम्हें
आज बचपन की बहुत याद दिलाते।-
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हमारी इक भूल से
कोरोना ने हा हा कार मचा दिया
देश में हुई सांसों की कमी
आज ऑक्सीजन पर निर्भर रहना सीखा दिया
हमारी इक भूल ने हमें खुल कर जीना भूला दिया
कोरोना ने शुद्ध हवा में वायरस फैला दिया।
हमारी इक भूल ने रिश्तों में दरार बना दिया
कोरोना ने खुशहाल परिवार को बिखेर दिया।-
जी हाँ, मैं ही मजदूर हूँ
रोजी रोटी की तलाश में घर परिवार से दूर हूँ
मैं ही मजदूर हूँ
चिलचिलाती धूप के खंजर को सहने वाला
मंदिर, मस्ज़िद और गुरुद्वारे को बनाने वाला
मैं ही मजदूर हूँ
खेतो को अपने पसीने से सींचने वाला
नदी हो या नाले सबकी खुदाई करने वाला
मैं ही मजदूर हूँ
बड़े बड़े पुलों का निर्माण करने वाला
इस वीरान धरती पर झोपड़ी से लेकर महलों का निर्माण करने वाला
मैं ही मजदूर हूँ
सड़क किनारे पत्थर तोड़ने वाला
चाय बेचने वाला,अखबार बांटने वाला
जी हाँ, मैं ही मजदूर हूँ
अस्पतालों और विद्यालयों का निर्माण करने वाला
छोटे से बड़े कामों का हिस्सा बनने वाला
मैं ही मजदूर हूँ
खुद भूखा रहकर दूसरों की भूख मिटाने वाला
मैं ही मजदूर हूँ
जी हाँ, मैं ही मजदूर हूँ।।🙏
:~Pल्लवी Chauहान-