अपना नाम भूल रही हूँ ...
शायद कोई पुकारने वाला नहीं !!-
हम वफादारी निभाते रहें और कोई अपना दुनियादारी निभाता जिंदगी के मायने बदल गया।
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लोगो का कहना है कि जिसे हम अपना मानते है उससे कुछ छुपाना नहीं चाहिए उसे हर बात बतानी चहिए ..
कभी सोचा है जिसे आप अपनी हर बात बता आएगे वो आप को अपना बना पाएगा क्या ???-
घर से दूर..
सब मजबूर..!
हर कोई चाहता है...
हीरे सा नूर..
अपना घर ही असली कोहिनूर..!!
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ज़िंदगी में एक बात हमेशा याद रखो जिद्द उनके आगे करो जो पुरा कर सके।
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जो सच ना हो सके मेरा, ऐसा कोई सपना ना था ..
शामिल तो हर दिल में थे, मगर कोई अपना ना था।-
आज जब कुछ लोगो ने मेरी ख़ामोशी को पढ़ लिया तो
ये ख़ामोशी भी मुझे अच्छी लगने लगी।-
दिल अपना पराया लगने लगे...
इस कदर अच्छा ना कोई लगने लगे
खुद से ही बात यह छुपाते हैं...
कहीं इसकी उसे खबर ना लगे
ना ही वह दोस्त है ना दुश्मन है...
फिर भी दिल का करार लगने लगे
छुप के देखा करे हैं दुनिया से..
डर है उसको मेरी नजर ना लगे...-
कोई नहीं अपना और कोई नहीं बेगाना
पैसों की प्यास में भाग रहा सारा ज़माना
अपने मन की करते हैं हम सभी के साथ
रिश्तों का नहीं बचा अब कोई भी पैमाना
दौलत, शोहरत, इज्ज़त इसी का नाम है
इसके सिवा हमनें किसी को नहीं पहचाना
ख़ुदा अपने-अपने और धर्म अपने-अपने
सबको आता है अलग-अलग बातें बनाना
ग़रीबी और लाचारी ने जीना बेहाल कर दिया
अमीरों को भाया सिर्फ़ अपना पैसा बचाना
एक आदमी के हज़ारों चेहरे हैं इस दुनिया में
कोई नहीं चाहता अब किसी दिल में समाना
धोखा, दोष, अहंकार अब अपना लिया "आरिफ़"
बहुत मुश़्किल है अब एक दूसरे से बचकर जाना
"कोरा काग़ज़" बना दिया इस दुनिया को सबने
कलम भी चल रही है जैसा चाहा उसको चलाना-