आज एक street Dog मिला पार्क में
थोड़ा सा प्यार से उसके सिर पर सेहलाया तो
थोड़ी देर में ही ,
बेंच पर मेरे बगल में बैठ कर
सुकून से सो गया
तब उसे सोता हुआ देखकर महसूस हुआ की
इसकी जरूरतें कितनी कम है !
कि उसे बस थोड़ा सा प्यार चाहिए और कुछ भी नही !
और हम इंसानों का देखे तो ?
शायद हमे भी बस थोड़ा सा प्यार ही चाहिए
बस थोड़ा सा प्यार !
-
नया साल , पहला दिन और
जिंदगी के दरवाजे पर
अचानक से खुशियों ने दस्तक दी
लगता है किसी की दुआएं काम कर गई है
वरना जिंदगी कहां ऐसी लॉटरी देती है भला
वो भी साल के पहले ही दिन !-
अरसा हो गया मुझे
रूठे हुए इंसान को मनाते हुए
उतने में अब ये वक्त भी रूठ गया है मुझसे
भला ये रूठे हुए इंसान को मना नही पाया अभी तक
तो ये रूठे हुए वक्त को अब कैसे मनाऊंगा मैं!-
पार्क में खेल रहे बच्चो को देखकर
महसूस हुआ की
बचपन का वो वक्त भी कितना कमाल का था
की उस दौर में हमारे पास
कहीं न कहीं से भी
"खुशियां ढूंढ लेने का हुनर था"
अब वो गुजरा हुआ दौर , बचपन तो लौट नही सकता
मगर कही से भी अगर वो
खुशियां ढूंढ लेनेवाला हुनर ही वापस लौट आए
तो अच्छा होगा
बहुत ही अच्छा होगा !
-
अभी अभी एक छोटा सा बच्चा मिला गार्डेन में मुझे
थोड़ी बातचीत करने का बाद खेलने चला गया
और जाते जाते अपनी घड़ी और चॉकलेट
मेरे पास ही रखने के साथ मुझे सोच में भी रखता गया
कि कितना भरोसा है उसे!
महज़ दो मिनिट पहले ही मिले इंसान से !-
किसी टूटे दिल की गहराई में जाकर देखा
तो पता चला की
ब्रेक अप के बाद अगर
उसके ख्वाबों की गली में जाने का द्वार भी
खुद ही बंध हो जाता
तो कितना अच्छा होता !-
ऐ ज़िंदगी
भले ही कितने भी ग़म दे दो तुम
फिर भी तुम्हरा साथ नहीं छोड़ना
क्योंकि , गमों से गुज़रने के बाद ही तो
वो खुशियों की असली अहमियत पता चलती है हमें !-
गमों को छुपाने के लिए
चाहे कितनी भी कोशिश कर ले
फिर भी कुछ लोगो को
हमारे गमों की बू आ ही जाती है !-