अजीब हो गया हूँ, अजीबोग़रीब हो गया हूँ..
तुम से बिछड़ कर, ताउम्र मरीज़ हो गया हूँ..!-
Engineer💡 या writer✍️ कम?↓🤷♂️
confusion ज्यादा↑🙆♂️
Belongs to #Varana... read more
ख़ासम-ख़ास थे
पल भर में आम हो गए…
महफ़िल से उठते ही ग़ुमनाम हो गए,
पहले तो पीठ-पीछे थी रंजिशें
मेरे चुप्पी पे सब सरेआम हो गए,
कोई कहता है दबा हूँ एहसानों तले
उसके होने से मेरे सारे काम हो गए,
राह गुज़रू तो चुराते थे नज़र वो कभी
मेरे मुड़ते ही सब खुलेआम हो गए ,
ख़ासम-ख़ास थे
पल भर में आम हो गए…!!-
हारते-हारते अचानक से जीतने लगे हैं..
लगता है ग़लतियों से सीखने लगे हैं।
जिन्होंने रुलाया था मुझे बुरे वक़्त में..
मेरा वक़्त देख सब चीखने लगे हैं।-
हारने लगा हूँ हर रोज़ ही
अब जीतने की गुंजाईश नहीं,
एकटक लगाए बैठे हैं मौत के इंतज़ार में
अब जीने की ख़्वाहिश नहीं..!!-
वो क़िस्सा कुछ और हैं जो तुम्हें बताना हैं,
वो हिस्सा कुछ और हैं जो तुम्हें दिखाना हैं।
मैं उहीं नहीं मशग़ूल अपनी धून्न में क़ातिब!
वो कहानी कुछ और हैं जो तुम्हें सुनाना हैं..!!-
जो भी थी मुश्किलें असां हो गए
इंसा जो इक दिन शमशां हो गए..
मिट्टी के धूल थे जो मिट्टी में मिले
धुआं बनते ही वो आसमां हो गए..।।-
मूंफट मैं नहीं, कलम है मेरा..
जुबां जो कह नहीं पाता, कमबख्त ये लिखता वहीं है।-