On the demand of Manish dhanopiya....
अजनबियों में उसकी तलाश......
लाखों के बीच में बनके रह गयी हूं एक लाश,गलती है मेरी जो ढूंढ़ रही हूं अँधेरे में प्रकाश.......... पर कर रही हूं अजनबियों में उस शख्श की तलाश❤️....
जिसे मेरे जिस्म की नहीं मेरी रूह की हो प्यास, जो सब जैसा होकर भी हो कुछ ख़ास..... कर रही हूं में उस शख्श की तलाश....
वादे निभाऊंगी उसके ज़ब तक है सांस में सांस, बस थोड़ी सी मेरे प्रति दिखादे वो इखलास...... कर रही हूं ऐसे शख्श की अजनबियों में तलाश........
बस कभी छोडके ना जाए वो काश... ❤️❤️...
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