madhu Kurmi   (Madhu (Ruby))
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Joined 2 March 2019


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27 JUN 2022 AT 3:26

अब कभी साथ ना छोड़े हमारा
जैसे छोड़ दिया अपनों ने हमें
वैसे छोड़कर ना जाएं हमें
दूर उजालों में कही
बनकर यूँही अंधेरा रहे सदा
संग संग हमारे साथ सदा यूँही
बना दर्द देते है ये उजाले हमे
कम से कम तुम नहीं अंधेरा
उजालो की तरह

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27 JUN 2022 AT 3:21

दिख रहा होगा हमें भी
कैसे तड़प रहे हैं हम
खोकर अपने अपनों को ही
कोई दूर से ही
महसूस कर रहा होगा
हमारे दिल की तड़प और
दर्द को
कहीं दूर से कोई
दुआ कर रहा होगा जरूर
हमारे लिए मिट जाए दिल से
हमारे सारे दर्द

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27 JUN 2022 AT 3:16

जिसमे अनगिनत यादे है
जो बिताए पल अपनों के साथ
हर बारिश की बूंदों के साथ
चली आती है बनकर
प्यारी प्यारी यादें दिलो में
और दिलाती हमे
वो अपनों की याद जो थे
हमारे लिए सबसे खास

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27 JUN 2022 AT 3:06

बहुत हिम्मत लगती है
यूंही नहीं ले लिए जाते कोई
फैसले बड़े
अपने हर डर का करना पड़ता है
सामना हमे
तब जा कर फैसले होते है पूरे सभी

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26 JUN 2022 AT 12:37

माँ मेरी
चली गई मुँह अपना मोड़कर मुझसे
एक पल न सोचा समझा
जिएंगी कैसे अब बिना मेरे मेरी लाडली
बस अपना कदम बढ़ा दिया
नए सफर पर
माँ ने मेरी कैसा दर्द का बिजली
मुझ पर गिराया
मेरे इश्क से रूबरू हो कर भी
आँसू और दर्द मेरे हिस्से में दे गई

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19 JUN 2022 AT 16:26

आपने बहुत प्यार दिया मुझे
बचा रखा दुनिया की बुरी
नजरो से मुझे
मेरी हर ख्वाब और ख्वाहिशो को
पूरा किया आपने
हर कदम गिर कर उठकर चलना
सिखाया मुझे आपने
जब भी डर लगा मुझे
आपने हिम्मत बढ़ाया मेरा
प्रिय पापा
जान से भी ज्यादा प्यारे हो
आप मुझे
सदा यूँही साथ देना आप मेरा
सदा साथ रहना गुड़िया के अपने

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19 JUN 2022 AT 13:57

माँ
तुम क्या गई छोड़कर
मुझे इस दुनिया में अकेले
जैसे सब कुछ खो दिया मैने
कोई नहीं अब मेरा माँ अपना
बस तुम्हारी यादे और दर्द है
असहनीय गहरे
चारो बस अंधकार है मेरे गहरे
कोई नहीं रौशनी अब आसपास मेरे
माँ समझ नहीं आता है कुछ
जी रही हूं भला क्यों और किसके लिए
थाम कर एक बार फिर से हाथ
तुम मेरा माँ
ले चलो अपनी लाडली को दूर बहुत दूर
इन मतलबी लोगो और दुनिया से मुझे

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18 JUN 2022 AT 18:34

बारिश की हर एक बुंँदे
याद दिला रही है मुझे
तुझे खोने का हर वो लम्हा माँ
बरसते बारिश की तरह
रो रहा है मेरा भी बहुत दिल
कितना मजबूर कर गई तू मुझे माँ
क्यो जिम्मेदारियों का बोझ
डाल गई ऐसे तू मुझ पर माँ
हर साँस मर मर कर ले रहे हैं हम
आखिर क्यो छोड़ गई ऐसे
बेसहारा मुझे तुम माँ
कर के खुद से दूर कहाँ चली गई
आखिर तुम मेरी प्यारी माँ

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15 JUN 2022 AT 17:07

जो सच हो और तेरा दिल
चाहता हो
परवाह न कर किसी
बात की तू जरा भी
सच सदा कड़वा ही
होता हैं
कई अपने रिश्ते सच की
आँच में झुलस जाएंगे जरूर
हाँ जानती हूँ ये मै
तकलीफ तुझे भी बहुत होगी
तू बिखर जाएगा पर मलाल न करना
तू बस सच लिखते जाना

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15 JUN 2022 AT 16:48

नजर कुछ नहीं आ रहा था
कुछ साफ मुझे
वक्त ने ली ऐसी करवट भारी
छँट गया हर बदरा धुंध के सारे
आया सब कुछ साफ साफ नजर मुझे
पर अफसोस हुआ देख कर
साफ साफ सब मुझे
कई चेहरे हुए थे बेनकाब बहुत
इससे अच्छा धुंधला ही रहता सब कुछ
कम से कम झूठा ही पर्दा पड़ा रहता
आँखों में मेरे
न होते रिश्ते इस तरह से बेनकाब

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