दिल कर रहा है कि
अब बस......
खुद को खत्म कर दूं
सब की परेशानियों को
दूर कर दूं
वजह ना बनूं किसी के
दुखों का
इतना मैं जाते-जाते और
सबके लिए कर दूं
सोचा नहीं था कभी इस तरह
खत्म करना पड़ेगा खुद को भी
छोटी-छोटी खुशियों में जीती थी
बड़े-बड़े दुख लेकर मरना पड़ेगा
पर सबकी खुशियों के लिए
यह भी करना पड़ेगा
मेरे मौत से अगर सब को
खुशी मिलती है
फिर तो हंसते-हंसते जहर भी
पीना बनता है-
बस उन्हीं ख्वाहिशों में कही हैं
हम गुम से...
इसलिए कलम थाम अपन... read more
बहुत सुकून की नींद मैं सोया करती थी
अपने सपनों की दुनिया में खोई रहती थी
भूल कर दुनियादारी सब में बस खुश रहा करती थी
नहीं था जीवन में मेरे कोई दुख और दर्द
मां की ममता की छांव में......
मैं राजकुमारी बन जिया करती थी
कितना खुश में रहा करती थी
पर लग गई नजर मेरी खुशियों को किसी की
चली गई मां इस दुनिया से छोड़कर मुझे
रोती बिलखती तड़पती हुई मुझे
और मिल गई राख में सारी खुशियां मेरी
उड़ गए रातों की नींद और चैन मेरे
न जाने कितनी रातें बीत गई मां की यादों में मेरे
अब तो नींद क्या होता है भूल गई ये भी मैं-
आरजू थी खुशियों की एक अलग ज़हान बसाने की
पर वक्त के साथ हर आरजू दफन हो गई दिल ही दिल में
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भी सुकून नहीं अब तो मुझे
न जाने कितना विचलित
मेरा यह मन है
रात की खामोशी में खोजती हूं
सवाल में अपने दिल की
फिर भी मिलता ना
जवाब मुझे कुछ भी
घनघोर अंधेरे को चीर कर
तलाश करती हुं हर रात
रोशनी को
पर हाथ आता ना कुछ भी-
जीवन में
फिर भी एक अजीब सी हलचल है
जैसे कुछ खो दिया है पीछे और
कुछ पाना है जैसे मुझे आगे
बस इसी कसमकस में उलझा हुआ
मेरा यह मन है-
जानने की इच्छा हो कुछ चीज तो अपने आप को जानो
इसमें किसी दूसरे की आवश्यकता नहीं पड़ती जानने की-
और हम समझ ना पाए
समय रास्ते अपनों का चेहरा
हम पहचान ना पाए
अनदेखा करते रहे
हर इशारे को हम
डाल रखे थे अब तक आंखों पर
अपनों के प्यार का पर्दा हम
जिंदगी ने तो हर कदम पर
इशारा कर संभालना चाहा
पर हम ही समझ ना पाए
सच में कितने नादान थे हम-
याद दिलाती है मुझे
की कुछ खो गया है
मेरे अंदर से
मानो जैसे जान निकल गई हो
किसी के चले जाने से जीवन से मेरे
सुकून नहीं मिलता अब मुझे
काश वो लौट आए
एक बार फिर जीवन में मेरे
मौत का दामन थाम कर
जाने वाले लौट कर आते नहीं फिर कभी
ये सच भी जानते हैं हम
इसलिए इतनी बेचैनियां होती है हमें
की करवटें बदलते बदलते
कट जाती है राते सारी हमारी-
बिना मैया के जिएंगे भला कैसे कोई तो ये बता दे हमको
फिर मैया क्यों जाती है बहुत दूर इतना रूठ कर हमसे
की चाह कर भी ना मिल पाए मैया तेरे आंचल का छांव
इतना बड़ा दुख देकर कैसे रह पाओगी दूर हमसे तुम मैया
ना जाओ छोड़ कर अपने लाल को तुम ऐसे
होकर तुम इतना मजबूर मेरी मैया-