# तीन पहर #
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_ अपनी इच्छाओं
को पूरा
करना खुशी
नहीं कहलाती है,
जो हमे प्राप्त है
उसमें सतुष्ट
रहना
असली खुशी है।
🙏🙏 🙏🙏-
जीवन में
आपसे कौन मिलेगा
यह समय तय करेगा आप नहीं।
परंतु आप किस-किस के दिल में रहेंगे,
यह आपका व्यवहार तय करता है।
इसलिये फिक्र छोड़िये और मस्त हो जाइये।
दुःख उधार का है आनंद स्वयं का है
आनंदित होना चाहें तो अकेले भी हो सकते हैं
दुखी होने के लिये दूसरे की जरुरत है।
कोई धोखा दे गया.. किसी ने गाली दे दी
कोई आपके मन के अनुकूल नहीं चला
सब दुःख दूसरे से जुड़े हुए हैं।
आनंद का दूसरे से कोई सम्बन्ध नहीं है।
आनंद स्वयंस्फूर्त है
दुःख बाहर से आता है..
आनंद आपके भीतर से आता है।
💐💐💐💐💐💐💐💐💐-
अब कौन रोज-रोज खुदा ढूंढे, जिसको न मिले, वही ढूंढे।
रात आयी है तो सुबह भी होगी, आधी रात में कौन सुबह ढूंढे।
ज़िन्दगी है जी खोलकर जियो, रोज-रोज क्यों जीने की वजह ढूंढे।
चलते फिरते पत्थरों के शहर में, पत्थर खुद पत्थरों में खुदा ढूंढे।
धरती को स्वर्ग बनाना है अगर,हर शख्स पहले खुद में इंसान ढूंढे...-
....परमात्मा
के पास जब भी जायें
कोई माँग लेकर नहीं, प्रेम लेकर जायें।
उसका शुक्रिया अदा करने के लिये जायें
उसका गुणगान करने के लिये जायें,
तभी धर्म का प्रारंभ होता है।
अभी आप थके नहीं हैं।
अभी भी आपकी प्रार्थना संसार का हिस्सा है।
अभी भी आपकी पूजा धन के, प्रतिष्ठा के,
यश के सामने ही चल रही है।
अभी आप मंदिर भी जाते हैं तो मांगने;
और परमात्मा के द्वार पर
वही पहुंचता है जो देने गया है, मांगने नहीं।
परमात्मा के पास मांगती हुई नही,
सिर्फ समर्पण वाली
प्रार्थनायें पहुंच सकती हैं।
🙏😊
*_Have α Wonderful Day_*
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....परमात्मा
की शक्ति कहना ठीक नहीं है
क्योंकि वह शक्ति ही है।
परमात्मा आपके साथ
सोच समझ कर व्यवहार नहीं करता
उसका अपना शाश्वत नियम है।
प्रत्येक कार्य उस नियम के अनुसार होता है।
उस शाश्वत नियम का नाम ही धर्म है।
धर्म का अर्थ यही है कि,
परमात्मा रूपी शक्ति के व्यवहार का नियम।
अगर आप उस शक्ति के अनुकूल करते हैं
समझपूर्वक, विवेकपूर्वक करते हैं
तो यह शक्ति आपके लिये कृपा हो जाती है
उसके नहीं आपके ही कारण।
*अगर आप उसके प्रतिकूल चलते हैं*
*तो यही शक्ति श्राप सिध्द होती है।*
🙏😊
*_Have α Wonderful Day_*
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.....From where
your coming
Remember that source
Because that source is the ultimate goal.
get to where you came from
Only then the journey ends.
The first and last steps are the same.
Tree grew from seed, seed planted in tree
The seeds from the tree then fell on the earth.
The Ganga descended from Gangotri
and descended into the ocean.
climbed the clouds, it rained
again entered gangotri
You have to reach where you came from.
Apart from this, everything is a distraction.
where you come from
That is your real home.
*_Have a Wonderful Day_*-
संभावना है
आप प्रेम को नहीं समझेंगे।
तुम उसे वही समझ लेंगे जिसे आप
प्रेम समझते आये हैं।
आप जब प्रेम शब्द सुनेंगे तत्क्षण
कामना की, वासना की बात समझ लेंगें
आपका प्रेम मोक्ष की ओर नहीं
नीचे ले जाता है अन्धकार में ले जाता है।
उससे आप भटके हैं, वही आपका भटकाव है।
आपका प्रेम अंधा प्रेम है पाशविक प्रेम है।
उसे प्रेम कहना ही उचित नहीं है।
शोषण है एक दूसरे की देहों का।
अपने को भुलाने के उपाय हैं मूर्च्छा है।
वास्तविक प्रेम एक प्रार्थना है।
परमात्मा का दूसरा नाम है प्रेम
आत्माओं का मिलन है।-
..जीवन एक यात्रा है।
यात्रा है..
अंधकार से प्रकाश की ओर;
व्यर्थ से सार्थक की ओर।
एक शब्द में: पदार्थ से परमात्मा की ओर।
जो बाहर तलाश रहे हैं, भटके हुए हैं।
लाख तलाशें, कुछ पाएंगे नहीं--
यहां तो केवल वे ही पाने में समर्थ हो पाते हैं
जो स्वयं के भीतर छिपे हुए
सत्य को पहचान लेते हैं।
यह यात्रा कहीं जाने की नहीं, लौटने की है।
जा तो आप बहुत दूर चुके हैं
अपने से दूर। वापस लौटना है अपने पर।
छोड़ देने हैं सारे स्वप्न, विचार, वासनाएं,
ताकि अपने पर आना हो जाए।
संसार नहीं छोड़ना है, स्वप्न छोड़ने हैं;
क्योंकि स्वप्न ही संसार हैं।
🙏🙏😊✨-
.....क्या
आप वास्तव में
जीवन मे सुखी होना चाहते हैं
तो फिर उन रास्तों का त्याग क्यों नहीं करते
जिन रास्तों से दुःख आता है ?
आपकी सुख की चाह तो ठीक है
पर राह ठीक नहीं हैं।
आपकी दशा नहीं दिशा बिगड़ी है।
सुख के लिए केवल दौड़ना ही काफी नहीं है
अपितु सही मार्ग पर चलना जरूरी है।
जीवन में अगर शान्ति चाहिए तो
अधर्म को छोड़ धर्म का मार्ग अपनाएं।
धर्म मतलब सदगुण, अधर्म यानि दुर्गुण।
जैसा चुनाव करेंगे वैसा ही परिणाम होगा।
धर्म वाला परेशान तो हो सकता है
पर पराजित कभी नहीं।
🙏😊-