अब हम दोनों के मिलन नाटक का
अंतिम पड़ाव सा लगता है।
हम मिलते हैं, अब तो कई बार इसमें
मोबाइल वाला खलनायक नज़र आता है,
तुम देर से आते हो,
कछुए की चाल की बात करते हो,
घोड़े से मुझे मात देते हो,
हमें समय बिताने की मोहलत क्यों माँगनी है?
जो समय हमारे पास से गुज़र गया है,
वह हम दोनों को बेबस कर गया ।
अब जो आस जय वो भी डूब जाएगा,
मुस्कान भी डूब जाएगी,
डूबेगा फ़िर विरह का सागर
अगर विरह का दहाड़ता सैलाब भी आ जाए,
अगर उसमेँ मेरी कोई समाधि लग जाए,
तो उसे देखने वाला कोई नहीं होगा, तुम भी नहीं......-
🎂 21st July
यूँ तो मसले और मुद्दे बहुत है लिखने को मगर
कमबख्त़ इन कागज़ों को तेरा ही ज़िक्र अज़ीज़ है.!!-
बड़े ही तमीज़ से पेश आए प्यार में तेरे लहजे मेरे,
अब थोड़ी बदतमीज़ी का तमाशा दिखाना चाहते है।-
काश ऐसा कोई मंज़र होता, मेरे कंधो पे तेरा सर होता,
एक आँसू आके ठहरता मेरे गालो पे, अपने आँसू से उसे तूने पोछा होता।-
दिल के "आईने " में
तेरी तस्वीर सजाये बैठे है ,
तेरे दीदार को
हम नज़रें झूकाये बैठे है ...
टूट ना जाए कहीं
"आईना " मेरे दिल का
"आईने " के हर टुकड़े में
हम अपना अक्स सजाये बैठे है ...-
आरजू ए तमन्ना तो है तुझे गले लगाके दिल की बात बताने की ,
पर आगोश में तेरे आके होश कहाँ मेरे संभलते है ।-
વીતેલો સમય કદી પાછો નથી ફરતો,
યાદો રહી જાય છે માત્ર માણસ નથી મળતો.
સમયની કિંમત સમજી સમયને સંભાળજો,
ભૂતકાળ થયેલો સમય કદી પાછો નથી ફરતો.
રેતની જેમ સરકી જશે મુઠ્ઠી માંથી ખબર નહીં પડે,
કણ કણ વિખેરાઈ જશે, પાછો એ ઢગલો નથી મળતો.
સમય એ સોનું છે જેનું મહત્વ સમજવું જરૂરી,
સમયનું પૈંડુ લઈ જશે સમયને સાથ, સમય પાછો નથી વળતો.
કદી સુખ મળશે કદી દુઃખ, એકસરખા દિ' ના મળશે કદી,
સમય રહેતા જીવી લેજો જીંદગી, આ અહેસાસ કાયમ નથી રહેતો.
સવાર વીતશે ને સાંજ ઢળશે, રાત કદી નિરાશ કરશે,
સમયનો છે આ ચક્રવ્યૂહ, કોઈના માટે કદી નથી બદલતો.-
मेरे हालात से रहा खफा,
मेरे हालात में मिला मुझे
मेरे सूर की तरह खामोश,
मेरे ताल में मिला मुझे
मंजिलों में ना था जिक्र उसका,
बस राह में मिला मुझे
हमसफर वो यादों का मेरे,
रोज़ बाह में मिला मुझे
लकीरों में जो लिखा नहीं था,
वो आँखों में मिला मुझे
मौत तक ले आई हिज्र उसकी,
वो क़ब्र पे मिला मुझे ।-
मेरे बहते अश्कों को बेरुखी समज रहे है,
खामोश निगाहों पर भी वो सवाल उठा रहे है..।-