काश के भूका न सोए फिर कोई बच्चा यहाँ...
ज़िंदगी आसान इतनी हो अगर क्या बात हो !
दफ़्न होती हो जहाँ नफ़रत, अदावत, दुश्मनी...
एक क़ब्रिस्तान ऐसा हो अगर क्या बात हो !!
کاش کہ بھوکا نہ سوئے پھر کوئی بچّہ یہاں
زندگی آسان اتنی ہو اگر کیا بات ہو
دفن ہوتی ہو جہاں نفرت، عداوت، دشمنی
ایک قبرستان ایسا ہو اگر کیا بات ہو !!-
आंँखो में आंँसू ना होते अगर...
तो सैकड़ों टुकड़े होते दिलो-जिगर...-
सारे शहर में ढूंढता रहा मैं झुमकों का जोड़ा....
उसने पायल पहन कर हमारा दिल खरीद लिया....-
""अगर जिंदगी को समझना चाहते हो तो पीछे देखो,
और अगर जिंदगी को जीना चाहते हो तो आगे देखो""!!-
प्यार था, मोहब्बत थी, इश्क़ था, अदा थी,
अगर बेवफ़ा न होती तो, वो लाज़वाब होती...!-
सलवार,कमीज़,बुर्क़ा भी कुछ ना कर पायेगा
अगर हर इन्सान अपनी नज़र नहीं झुकायेगा
श़र्म,हया,और इज्ज़त भी कुछ ना कर पायेगी
अगर हर औरत अपनी नज़र नहीं झुकायेगी
इश़्क,प्यार,और मोहब्बत में पड़ गये हम सब
नज़र ही तो है, अब वो कैसे पीछे रह जायेगी
हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई करने में ही रह गये
धर्म ही तो है, इजाज़त तो अब मिल ही जायेगी
सिगरेट, श़राब, चरस कहकर सब कर ही लिया
नश़ा ही तो है, ये पीढ़ी अब आगे कैसे बढ़ पायेगी
चोरी, बलात्कार, क़त्ल ये सारे सवाल ख़ुद से पूछो
गुनाह ही तो है, ये दुनिया कल सब भूल ही जायेगी
रदीफ़, क़ाफिया, और बहॄ कहकर भर लो ज़िन्दगी
"कोरा कागज़" ही तो है, इक दिन लिख ही जायेगी-
अग़र तुम चाहते हो
मैं लोगों के लिए तुम्हें छोड़ दूँ
तो भूल जाना मेरे
जीवित या मृत होने के बारे में भी
और बता जाना मेरा गुनाह;
अग़र तुम चाहते हो
मैं जीवित रहूँ
तो गले से लगा लो एक बार
और माफ़ कर दो मेरी गल्तियां.-
क्या फ़ायदा तुम्हारा ज़माने भर की,
डिग्रीयां रखने का,
जब किसी की छलकती आँखें ना पढ़ सके,
तो तुम अनपढ़ हो।।-