💞ना हाथ में खंजर, ना तलवार रखता है,
अजब यार है मेरा ,नजरों से वार करता है।
ना इज़हार करता है, ना वो इनकार करता है,
लेकिन यकीन है मुझे कि ,वो बेइंतहा प्यार करता है।
हसीनाओं के संग देख मुझे, ना वो तकरार करता है,
कितना पागल है वो, जो इतना एतब़ार करता है।
बात चाँद तारे लाने की करूँ, तो मुझ पर इख्तियार रखता है
न बातें करूँ फलक की, मिन्नतें वो बार बार करता है।
देख कर उसकी अदाएँ, ये दिल बार बार बहकता है।
और वो रब से हमारी , सलामती की फरियाद करता है।💞
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