फ़साना अधूरा , कहानी अलग है
तेरे बिन मेरी ज़िन्दगानी अलग है
सबब आँसुओं के मिलेंगे कई, पर
ख़ुशी और ग़म का वो पानी अलग है
लबों की हँसी में छिपे राज़ मेरे
ये आदत अभी तूने जानी अलग है
जो हासिल नहीं बस गिला उसका करते
मिला रब से जो, मेहरबानी अलग है
बिना तेरे भी, ज़िन्दगी काट लेंगे
जो तू संग हो शादमानी अलग है
न मारा है पूरा , न ज़िन्दा ही छोड़ा
मेरे कातिलों की निशानी अलग है
हुआ प्यार राधा के जैसे उसे पर ,
वो मीरा सी लगती दिवानी अलग है
मुकम्मल कोई शेर कैसे ' प्रिया ' हो
जुदा मिसरा ऊला है सानी अलग है— % &
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