उम्मीदें जल गईं और ख्वाहिशें भी राख हो गईं ...
एक दिया तो जला था कुछ पल के लिये
पर बहुत बेगैरत है ये हवा
चली और सारी रोशनी ही उड़ा ले गई....
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कभी कभी सब कुछ बहुत उलझा सा लगता है
गर रिश्ता सच्चा है तो इतना पराया क्यूँ लगता है
एक खामोशी है जो कहीं बहुत शोर कर रही है
जुबाँ चुप है पर धड़कन बहुत कुछ कह रही है
ऐसा लगता है जैसे सब कुछ एक सपना सा था
पीछे जो वक्त बीता सब एक मेरा वहम ही था
मेरी हँसी मेरा बचपना सब आँसुओं में मेरे बह रहा है
मेरे सपनों का हाथ मुझसे रेत की तरहा फिसल रहा है
अब तो हाल ए दिल लिखने के लिये भीे लफ्ज नहीं मिल रहे
मुझे समझने वाले और गले से लगाने वाले
वो भगवान् के भेजे फरिश्ते मुझे ही क्यों नहीं मिल रहे ....
Priyanka shukla pS
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उलझन ये है कि कहाँ से लिखूँ और क्या लिखूँ
तेरा किरदार मैं अपने चंद लफ्जों से बयाँ कैसे करूँ!
अपनों की मुस्कुराहट में ही हँस लेता है
और जरा गम हो उन्हें तोे अपनी खुशी भी भूल जाता है!
तुझे कोई समझे न समझे तूँ सबकी मजबूरी समझ जाता है
कोई एक कदम बढाये तो तूँ दस कदम चलकर उसे गले लगा लेता है!
पता नहीं कितना ही कुछ तेरेे दिल में भी होता है
पर किसी से कुछ नहीं कहता हमेशा बस हँसता और औरौं को हँसाता रहता है !
गुस्से में ही सही पर पता नहीं कितना और कब कब बुरा मैंने तुझको बोला है
पर तूने उस वक्त भी मुझे इज्जत के ही लफ्जों से नवाजा है!
तुझे मैं बखूबी जानती हूँ पर खोने से डरती हूँ
इसीलिये कई बार तेरा दिल जानकर दुखाती हूँ और फिर खुद भी रोती हूँ!
एक प्यारा बच्चा देेखा है और वेवक्त बकबक करने वाला पागल भी देखा है
उम्र से ज्यादा समझदार और तुममें एक बहुत अच्छा इंसान भी देखा है !
किरदार आम है पर सबसे जुदा लगता है मुझे तूँ हिन्दी फिल्मों वाला हीरो ❤ लगता है!
Priyanka shukla pS
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खूबसूरत बहुत होंगे पर हमें तो खूबसूरत तुम ही लगते हो
जुगनू की चमक हमें पसंद नहीं सूरज की रोशनी ही अच्छी लगती है-
एकाएक खयालों का समंदर आया है
दिल दिमाग और आत्मा को मेरी डुबो ले गया है-
साजिशों से घिरी हुई मुझे ये दुनिया लगती है
हर एक बात इसकी बस दिखावा ही लगती है
अब तो रिश्ते भी मुझे सब झूठे से लगते हैं
क्या यार और क्या दोस्त सब मतलबी दिखते हैं
बचपन में जो कहानियाँ पढ़ी वो अब कहानियाँ ही लगती हैं
सीखी जो बातें रामायन और गीता से बस बातें ही लगती हैं
अजीब है ये दुनिया और यहाँ के लोग भी अजीब हैं
सच्चे आँसुओं की किसी को कदर नहीं पर झूठी हँसी की तारीफ करते हैं
ऐ खुदा ले चल मुझे अपने साथ और यहाँ दोबारा मत भेजना
दो शक्लों वाली इस दुनिया में मुझे अब और नहीं रहना
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खुद को सीमाओं में बाँध लेने वालों को भी मोहब्बत बेशर्त और बेपनाह चाहिये
ये वही लोग हैं जिन्हें काला रंग बेहद पसंद है पर हमसफर साँवला भी नहीं चाहिए
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अच्छी बुरी यादों को समेट ले जाऊँ
काश के अब मैं मर ही जाऊँ
तकलीफ है कुछ लोगों को वजूद से मेरे
तो अब हमेशा के लिये मिट ही जाऊँ
क्यूँ और कब तक लड़ूगी मैं खुद से ही
थक गई हूँ अब तो बस सो ही जाऊँ
कुछ उलझनें हैं जो उलझती ही जा रही हैं
बेहतर होगा कि उन्हें बस अब यही छोड़ ही जाऊँ
जो लोग खुशी हैं मेरी उनके ही चेहरे की मैं उदासी बन गई
कितनी अजीब है ये जिन्दगी...
जिन्दगी तो दी लेकिन जीने नहीं देती😔
Priyanka shukla pS
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एक खाली कमरा सा हो रखा है दिल मेरा
जहाँ थोड़ी सी भी आवाज होने पे शोर बहुत होता है...-
मोहब्बत ढूँढने चले थे पर खुद को ही खोते चले गए
दुनिया के रिवाजों और यार की बातों से बस चुप होते चले गए ...
अंत आया समझ जिस मोहब्बत की तलाश में हम निकले थे
वो किरदार ए इबादत तो महज किस्से कहानियों में ही होते थे !-