पहले कुछ थे आज तमाम रंगों की सोहबत रखता हूं
जमाना इश्क जताता है दामन में मोहब्बत रखता हूं
जमाने को सिखाता हूं कांटों में खूबसूरती बरकरार रखना
अनकहे एहसासों का बिन कहे किसी से इजहार करना
मेरे शबाब सा फिजाओं महके हर शख्स का ख्वाब हूं
कमाल अद्भुत जो भी नाम दो जी हां मैं गुलाब हूं
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