Bhave loka to chota sadda Killa reh jave
Kal sochu jo v kal honi
Mai taa likh-likh hojuga 'Ghalib' warga
Mere baad v haa meri gal honi
Mere te mere supne bich
Na duri na koi kand honi
Es shayri-Likhari'ch umar langju
Mere hik vich taa v thand honi
Oh Bapu kudi bhave Patwari le ude
Saddi Kalam na kade thalle honi
kudi sarkari afsar le ude
Bapu taa v saddi balle-balle honi.
🤘😎-
दोस्तो मुझे माफ करना
थोड़ा इंतजार,
थोड़ा इंसाफ करना
कर रहा तैयारी भारी
बनना है जो पटवारी
कर रहा किताबो की सवारी
पढ़ने की पाली बीमारी
कविताएं लिखना कम होगा
खुदा ने करा तो अपना परचम होगा-
✏आपको
पाने की चाहत में
देखो कितना गिर जाता हूँ...
बन्दा तो
"PSC INTERVIEW" का हूँ
और "पटवारी" का
परीक्षा दिलाने जा रहा हूँ...
On the Way Pamgarh🙂-
बाबू तुम एक साल रहें लो कुँवारी!
में आ रहा हूँ इस साल बनकर पटवारी🤣
बाबू में ना रहूँगी कुँवारी
मुझे मिल गया है ग्राम विकास अधिकारी!
मेरे लिए बहुत बैठी है कुँवारी!
क्यूंकि में बनूँगा जिला अधिकारी
फिर मेरे इशारे पर काम करेंगा तेरा ग्राम विकास अधिकारी 🤣
नोट -मेहनत आपकी मार्गदर्शन हमारा
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पटरी के तुम राही हो,
पर पटवारी की बात करते हो,
रातों में तुम जागते हो
फिर भी दिलो पर राज करते हो❤️❤️
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हम संघर्षों में पढ़े लिखे हैं, धोखा-धडी से न कोई नाता है।
राजनैतिक खींचा तानी में, क्यूं हमको पीसा जाता है।।
सालों करते तैयारी हैं, तानों में भी जीते हैं।
मेहनत का फल मिल जाएगा, बस इस आशा में जीते हैं।।
मां बाप के मृत शरीर में जान परीक्षा परिणाम से आई।
कैसे कहें उनको कि परीक्षा फिर कटघरे में आई।।
कुछ दोषपूर्ण और द्वेषपूर्ण लोगों का दंश क्यूं झेले हम।
बार बार अग्नि परीक्षा का खेल क्यूं खेले हम।।
विनती है सरकार से यही अन्याय न होने पाए।
सफ़लता की तब्दीली असफलता न होने पाए।।
हम न्याय समर्थन में इंतजार तो सह सकते हैं।
पर अन्याय का विष पीकर अब और नहीं जी सकते हैं।।
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आइये, महसूस करिए, उलझनों के ताप को,,
मैं पटवारियों की गली तक, ले चल रहा आपको।
हैं कौन ये उनींदा सा,
जब सारा जग सोया हुआ
ये पटवारी है ओटीपी के,
इंतजार में खोया हुआ।
सीमांकन, राजस्व वसूली,
सिंचाई संगणना दिन में करके,,
नामांतरण, बंटवारा, परिमार्जन,ऑनलाइन करता रात को।
मैं पटवारियों की गली तक, ले चल रहा आपको।
CM किसान, pm किसान
आपदा राहत, गिरदावरी,,
सब तत्काल करिए अभी
हो जाएं चाहे गड़बड़ी,,
Pm किसान में फिल्टर लगे है
सबके फॉर्म भरते रहो,,
फिल्टर तो सारे उड़ गए
अब वसूली करते रहो,,
हवा में लट्ठ चल रहा,न मार पा रहे सांप को।
मैं पटवारियों की गली तक,ले चल रहा आपको।
गांव में किसानों की सुनो
उनसे वसूली मांगकर,,
और मीटिंग में अधिकारियों की
इज़्ज़त रख के ताक पर,,
न घर को न परिवार को,,बस खुश रखते है साब को ।
मैं पटवारियों की गली तक,, ले चल रहा आपको।
-भास्कर-
आग दिल में लगी हो तो पानी क्या करेगा,
आस्वासन का लॉलीपॉप आखिर कबतक चलेगा
लड़ाई लड़नी है तो आर-पार की लड़ो,
आधे मन से लड़े तो जमाना फिर से हँसेगा।।
आखिर क्या है कमी जो यूँ शोषण बड़ा है,
पटवारी के ऊपर शासन हरदम चढ़ा है,
करदी योग्यता gratuation साथ cpct भी लायी,
तो वेतनमान और सैलरी आखिरी क्यों नही बड़ाई
उम्र भर काम करके जिनकी पेंशन हटाई,
तो राजनीति में भी ये नीति आखिर क्यों न चलाई
कर्तव्य निभाने में न हमने आनाकानी दिखाई,
शासन खुद न्याय करेगा वर्षों ये उम्मीद जताई
पर इंतज़ार करने वाला बस उतना ही पाता है,
मेहनत करने वाला जितना शेष छोड़ जाता है।
माँ भी बेटे को तबतक दूध नहीं पिलाती,
रोने की आवाज जबतक पालने से नहीं आती
आस्वासन से त्रस्त हो अब संघर्ष ही हमारा नारा है,
न्याय करो तो पूरा वरना आंदोलन ही अब सहारा है
-वाकलम "अखलेश सिंह तोमर"
पटवारी सिरोंज-