एक इश्क़ करना था
और हद से करना था..
हमने तो नादानी का हाथ थामा था,
अफ़सोस वो दिमाग लगा बैठी थी |-
उफ्फ ये बिखरे जुल्फो की परेशानियां
ये झुकती पलको की गुस्ताखियां
जान ना ले ले तेरी मेरी ये नादानियां-
सुख दुख में पहचान बन जाती है दोस्ती
आपके चेहरे की मुस्कान बन जाती है
कोई बात को दिल पर मत लेना मेरे यार
यह थोड़ी सी नादान भी बन जाती है।
Good morning friends-
तुम्हारे अन्दर नादानी बहोत है,
अदाओं में तेरी बेइमानी बहोत है !
लगता है आपकी रगों में खून कम पानी बहोत है,
इसीलिए....
पीठ पर ख़न्जर चुभोकर कहती हो,
यार तुम्हारी आँखों में पानी बहोत है।-
अब इसे तेरी मनमानी कहूँ
या दिल की नादानी
एक झलक देखी थी जो तेरी
आज़ भी याद है!-
नादान दिल है, नादाँ निगाहें
जो क़ातिल जिगर का उसी को ये चाहें-
मेरी नादानियों को ऐसे बदनाम ना करो,
मुझसे रूठ कर मुझे यूँ परेशान ना करो।।।
तुमसे रूठना ही सही है,वरना तुम और बिगड़ जाओगे,
इन नादानियों को नही रोकी ना,तो मुझे हमेशा सताते रेह जाओगे।।।-
होती है मुहब्बत में नादानियाँ जायज़
समझदार जो हैं सियासत में उलझे हैं
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