प्यार था उससे, और इज़हार करना भुल गया....!!
उसके इंतजार की उम्मीद में सब्र करना भूल गए
मोहब्बत थी और इज़हार करना भूल गए।
वो रुकता भी तो किस हक से रुकती
मैं तो, आवाज लगाना ही भूल गया
अकेले ही खड़ी थी हर इम्तेहान में वो
और हम थे कि, हाथ थामना ही भूल गए।
चाहा कहां था हमने, चाहने वालों की तरह
मोहब्बत थीं मेरे लिए वो मोहब्बत निभाना ही भूल गए।
अब किस हक से आयेंगी वो मेरी मकाँ में
दिल लगी थीं जब , तब उसको पता देना ही भूल गए।
प्यार था उससे, और इज़हार करना भुल गया....!!-
इतना क्यों याद आती हो, इतना क्यों सताती हो,
माना की हमें तुमसे प्यार है, माना की हमें तुमसे प्यार है,
तुम भी अपना प्यार क्यों नहीं जताती हो....!!-
मैं लाख कह दूँ, कि आकाश हूँ, ज़मीं हूँ मैं,
मगर उसे तो ख़बर है, कि कुछ नहीं हूँ मैं..
अजीब लोग हैं, मेरी तलाश में मुझको,
वहाँ पे ढूंढ रहे हैं, जहाँ नहीं हूँ मैं..
मैं आइनों से तो, मायूस लौट आया था,
मगर किसी ने बताया, बहुत हसीं हूँ मैं..
वो ज़र्रे ज़र्रे में मौजूद है, मगर मैं भी,
कहीं-कहीं हूँ, कहाँ हूँ, कहीं नहीं हूँ मैं..
वो इक किताब, जो मंसूब तेरे नाम से है,
उसी किताब के अंदर, कहीं-कहीं हूँ मैं...!!-
तेरी बनाई दुनिया में कोई,
तुमसा नही मिला माधव... ❣️
"राधे कृष्ण" Radhe Radhe....-
एक शक्स बैठा है मेरी हाँ के इंतज़ार मैं,
एक शक्स मेरे इज़हार पे भी मुकर गया....-
जी भर जी भी ना पाए और जीने से जी भर गया..
पापा आपकी याद बहुत आ रही हैं,
क्योंकि मैं अब अपनी ज़िंदगी में बहुत अकेला सा पड़ गया हूं..
यह अकेलापन मुझे रास नहीं आ रहा मैं जिंदगी काट रहा हूं जी नहीं पा रहा...!!-
आँखों में पानी ख़त्म हो गई,
दिल की नादानी ख़त्म हो गई..
निभाते थें पहले साथ उम्र भर
अब ये रस्म पुरानी ख़त्म हो गई..
इश्क़ मोहब्बत के चक्कर में,
यार मेरी जवानी ख़त्म हो गई..
तस्वीरें, यादें, ज़ख्म दिल के,
हर एक निशानी ख़त्म हो गई..
लो हार गया फिर राँझा कोई,
फिर एक कहानी ख़त्म हो गई..!!-
जब हम उस परिस्थिति में आ जाते हैं जहां दुनिया के सब लोग फरेब मतलबी स्वार्थी लगने लगते हैं
जहां तक खुद हम भी और मोह माया के कारण गलत पर गलत करते हैं..
और कुछ चीज जो लगता है हमने गलत किया है
तो उसे मान लेने के बजाय हम उस पर कवर करने लगते हैं,
और गलत करने लगते हैं क्योंकि मानने से हमारा ego hurt होता हैं..
कुल मिला कर जब ये लगाने लगता है कोई अपना नहीं है और विश्वास के लायक नहीं है तो बस एक सबको छोड़ कर माता पिता और गुरु की बात मान लेनी चाहिए...
इस लिए जिसे देखा नहीं,
महसुस करने की कोशिश नहीं किया,
उसे कभी माना भी नहीं,
पर जो आदर्श है,
जो परम शक्तिशाली है,
जो सत्य हैं, जो शिव है जो सुंदर हैं,
उस पर विश्वास करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचाता है हमारे जिंदगी में..
क्योंकि इस मोह माया और मतलबी, स्वार्थी मतलबी रिश्तों से काफी अच्छा है
उससे जुड़ जाता जो कभी कुछ चाहा ही नहीं. एक बार जिंदगी देने के बाद...!!-
तुमने जाना ही नहीं,
बेचैनियां बेसबब नही होती..
तुमने समझा ही नहीं,
कि खामोशियों की भी जुबां होती है..
तुमने महसूस ही न किया,
मुस्कुराती आंखे भी नम होती हैं..
तुमने माना ही नहीं,
कि गलती तुम्हारी भी हो सकती है..
तुमने खो दिया,
वो विश्वास जो मुझे तुम पर था..
तुमने व्यर्थ कर दिया,
वो प्रेम जो दृढ़ था निस्वार्थ था..
काश!..
तुम महसूस कर पाते..!!-
ज़माना है कि घाव भरने नहीं देता,
भरने लगे तो वो भरने नहीं देता।
वो खुश है, फिर मैं क्यों नहीं,
सवाल ये खुश, होने नहीं देता।
अभी तो आए हो और जाने को कहते हो,
बैठो, मैं सबको बैठने को नहीं कहता।
ये लोग,ये खुशियाँ, सब उसके हैं यहाँ,
ख़ुदा किसी को मेरा होने नहीं देता।
अब लौट भी आये वो तो क्या हो भला
मैं किसी का छुआ नही छूता
एक दोस्त जिसकी ज़िद से परेशान हूँ मैं,
एक दोस्त जो मुझे मरने नहीं देता ...-