No Matter How Good You Are,
People Will Treat You,
According To Their Mood And Needs.-
प्रतीक्षा इतनी भी न करवानी चाहिए,
कि पाने का मोह ही ख़त्म हो जाए...!!
क्योंकि इच्छाए ज़रूर चंचल है मेरी,
परंतु धैर्य भी इतना हैं कि एक पल में सब कुछ ठुकरा सकता हु...!!-
इतना क्यों याद आती हो, इतना क्यों याद आती हो,
इतना क्यों याद आती हो, इतना क्यों सताती हो,
माना की हमें तुमसे प्यार है,
माना की हमें तुमसे प्यार है,
पर तुम भी अपना प्यार क्यों नहीं जताती हो....!!-
हम कहाँ चाहते थे,
तुमको ख़ामख़ा बदनाम करना..!!
वो तो लोग इश्क़_इश्क़ चिल्ला रहे थे,
और हमने लखनऊ बोल दिया....-
मैंने मोहब्बत पर कुछ लिखा है,
तुम लखनऊ समझ लेना,
तुम उसे चुपके से पढ़ लेना,
रात की तन्हा खामोशी में,
उसमें खुद को ढूँढ लेना।
शब्द नहीं, एहसास हैं लखनऊ,
सपनों के कुछ उजले राज़ हैं लखनऊ,
तेरे बिना जो दिल ने सहे,
वो सारे अधूरे साज़ हैं लखनऊ।
न आवाज़ दूँगा, न बुलाऊँगा,
बस निगाहों से तुम्हें जताऊँगा,
जब चाँदनी तेरे चेहरे पे गिरे,
समझ लेना, मैं लखनऊ में हूँ, मुस्कराऊँगा।
तेरी हर मुस्कान में मैं रहूँ,
तेरे हर आँसू में भी बहूँ,
जो तुमने कभी न जाना दिल से,
वो हर बात उस चाँद से कहूँ।
दुआ करना मैं लखनऊ में रहु...!!
मैंने मोहब्बत पर कुछ लिखा है,
तुम लखनऊ समझ लेना...!!-
प्यार था उससे, और इज़हार करना भुल गया....!!
उसके इंतजार की उम्मीद में सब्र करना भूल गए
मोहब्बत थी और इज़हार करना भूल गए।
वो रुकता भी तो किस हक से रुकती
मैं तो, आवाज लगाना ही भूल गया
अकेले ही खड़ी थी हर इम्तेहान में वो
और हम थे कि, हाथ थामना ही भूल गए।
चाहा कहां था हमने, चाहने वालों की तरह
मोहब्बत थीं मेरे लिए वो मोहब्बत निभाना ही भूल गए।
अब किस हक से आयेंगी वो मेरी मकाँ में
दिल लगी थीं जब , तब उसको पता देना ही भूल गए।
प्यार था उससे, और इज़हार करना भुल गया....!!-
इतना क्यों याद आती हो, इतना क्यों सताती हो,
माना की हमें तुमसे प्यार है, माना की हमें तुमसे प्यार है,
तुम भी अपना प्यार क्यों नहीं जताती हो....!!-
मैं लाख कह दूँ, कि आकाश हूँ, ज़मीं हूँ मैं,
मगर उसे तो ख़बर है, कि कुछ नहीं हूँ मैं..
अजीब लोग हैं, मेरी तलाश में मुझको,
वहाँ पे ढूंढ रहे हैं, जहाँ नहीं हूँ मैं..
मैं आइनों से तो, मायूस लौट आया था,
मगर किसी ने बताया, बहुत हसीं हूँ मैं..
वो ज़र्रे ज़र्रे में मौजूद है, मगर मैं भी,
कहीं-कहीं हूँ, कहाँ हूँ, कहीं नहीं हूँ मैं..
वो इक किताब, जो मंसूब तेरे नाम से है,
उसी किताब के अंदर, कहीं-कहीं हूँ मैं...!!-
तेरी बनाई दुनिया में कोई,
तुमसा नही मिला माधव... ❣️
"राधे कृष्ण" Radhe Radhe....-