Krrish   (Pranjal)
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खुद से हारकर कही मत जाना,
तुझे तो अभी जीतना है ये सारा जमाना...
Disfruta tu vida..
Joined 30 August 2017


खुद से हारकर कही मत जाना,
तुझे तो अभी जीतना है ये सारा जमाना...
Disfruta tu vida..
Joined 30 August 2017
28 MAY 2019 AT 18:01

क्या बताऊँ कैसे मैं खुद से ही तन्हा हुआ,
अपनी ही नादानियों से हँसे क्यों मुझे एक लम्हा हुआ;

नाराज़ खुद से होकर भी सबके सामने मुस्कुरा रहा हूँ,
कोई ध्यान से तो समझ लो कहना क्या मैं चाह रहा हूँ;

वक़्त के भवर में सिमट कर क्यों रेह गया हूँ,
ठीक है आने दो जितना आना है,सारी मुश्किले तो आजतक हँसकर मैं सेह गया हूँ।

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17 MAY 2019 AT 19:06

सोचा था बरकत होगी हर वार में,हर रात में,
पर अरमान सारे मेरे बादलों में ही रेह गये;
इंतज़ार था आने का उनके और थे परेशान हम भी कबके,
पर आए ना वो और आशुं सारे हमारे नीर की तरह बेह गये;
उम्मीदें थी ज़िन्दगी से बहुत,पूरे हुए कुछ और कुछ ना हुए,
पर सितम सारे हम मुस्कुरा के सेह गये;
बुलाया हमे भी था मेहफिल में उन्होंने,
बोल कुछ ना पाए पर हम ईशारो में ही सब केह गये;
सुना था हमने भी बाज़ार में कही की क्या रंग जमा पाएगा प्रांजल,
पर जब हुआ आग़ाज़ हमारा तो सब बस हमे ही देखते रेह गये।

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10 MAY 2019 AT 17:53

सरोवर चाहिये अगर सबको,
तो क्या समंदर की चाह रखना गुनाह है;
अगर एक ही तरीके से सोचते हैं सब,
तो क्या अलग तरीके से सोचना मना है।

मिट्टी,पानी,पंछी,वायु सबका अपना ध्येय है,
अपने पंख फैला कर झुंड से अलग उड़ना क्या मना है;
हर किसी मे कुछ खास है,हर कोई किसी विशेष कार्य के लिये बना है,
जीवन तेरा है,तू खुद पेहचान की आखिर तू किसलिये जन्मा है।

विस्त्रित गगन में निशा को चाहे रहते हैं अनगिनत तारे,
कर तू भी अपना प्रयास पूरा,क्यों तुझे नही उन सितारों की तरह चमकना है;
विशाल,वृहद रेहता है वन घनघोर,होते हैं उसमें हर किस्म के नज़ारे,
विश्वास ही सबसे सुंदर आभूषण है,तू भी रख कर देख,
क्यों तुझे नही इस जग में अलग से मेहेकना है।।।

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26 APR 2019 AT 17:30

मैं गर्म ज्वार जैसा तो तुम शीतल चाँद जैसी हो,
मैं गली में हो रहे बवाल जैसा तो तुम नुक्कड़ की मशहूर चाय जैसी हो,
मैं नौका की खोई पतवार जैसा तो तुम मुद्दतों बाद मिली मंजिल जैसी हो,
मैं शोर-गुल के साथ होने वाले चुनाव जैसा तो तुम मन को सुकून पहुँचने वाले शिविर जैसी हो,
मैं हर दफ़्तर में होने वाले भ्रष्टाचार जैसा तो तुम सपनो में होने वाले सु-शासन जैसी हो,
मैं नेताओं के भाषण में दिये झूठे वादों जैसा तो तुम हर बार अपना कर चुकाने वाले आम आदमी जैसी हो,
मैं आचार-संहिता के उलंघन जैसा तो तुम स्कूल में सब का केहना मानने वाली बच्ची जैसी हो,
मैं घोषणा-पत्र के कभी ना पूरा होने वाले दावों जैसा तो तुम सब को बराबर पेहचान देने वाले लोकतंत्र जैसी हो,
मैं मतदान के लिये लगी लंबी कतार जैसा तो तुम चुनाव में खड़े उमीदवार के लिए जीत जैसी हो,
मैं कलयुग में हो रहे हाहाकार जैसा तो तुम कभी ना मिलने वाली रामराज्य जैसी हो।

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24 APR 2019 AT 17:33

वो जो चाँद-सितारोँ की तरह चमकने की बात करते हैं,
भूल जाते हैं कि अंधेरे के बिना उनकी कोई पेहचान नही है।

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16 APR 2019 AT 19:06

I have seen highs,i have seen lows,
I have been through roller-coaster of hopes;
I was once an apple of someone's eyes,
But soon she took me out i think she was a little wise;
I was mad i am an idiot i do things which are out of the chart,
I feel pain i cry in the night where no one can see my broken heart;
I have been loved i have been hated and now i love to be hated,
Its a part and parcel of life,beware of me i am R-rated;
A little light can also be appreciated by those who have survived in the darkness,
If you want to know about me then leave it,its just a journey of madness;
People will meet you,people will leave you,people will teach you sometimes,
You are waiting for something special,why cannot you be someone's sunshine;
I have been broken i have been pamperised,
Your life belongs to you why are you getting pressurised;
They say you only live it once,party hard and make noise,
I said live it in your own way,be happy as you like, dont worry its your own choice...

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5 APR 2019 AT 18:57

इतने वादे किये तुमने,
पर कभी कुछ निभा ना सके;
इतनी महफ़िलें रौशन की,
पर खुद का दिया जला ना सके;
इतनी कहानियां सुना दी तुमने,
पर खुद की व्यथा कभी बता ना सके;
इतनी बारिशों में तुम भीगे हो,
पर वो अंदर की तपिश को कभी मिटा ना सके;
इतने सफ़र साथ किये,
पर हमसफ़र कभी बन ना सके।

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26 MAR 2019 AT 18:35

I was everything to her,
She left me for something,
Now I am nothing.

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22 MAR 2019 AT 19:54

तेरे दिये दर्द में कुछ और ही बात है,
कम्बख़त इसके सामने मौत की भी क्या औकात है।

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17 MAR 2019 AT 19:00

When someone call aunty/uncle to my friends

I am like--

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